Causes of Friction

What are causes of Friction?

घर्षण बल के क्या कारण हैं।

घर्षण एक प्राकृतिक घटना है जो किसी ठोस वस्तु के किसी अन्य ठोस सतह अथवा तरल या गैसीय वातावरण में गति को रोकता है। घर्षण की उत्पत्ति के कारणों  ( causes of friction ) के लिए विभिन्न मत उपलब्ध हैं।

अतः जब एक ठोस वस्तु, किसी अन्य ठोस सतह या तरल या गैसीय वातावरण में गति करता है या गति करने की कोशिश करता है तो उस वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में एक बल ( force ) लगाया जाता है। उत्पन्न इस बल को घर्षण बल ( frictional force ) कहा जाता है।

द्रव पदार्थो में भी घर्षण पाया जाता है। जब संस्पर्श में रहे तरल की परतों के बीच सापेक्ष गति ( relative velocity ) होती है या होने का प्रयत्न करती हैं, तो दोनों परतों के बीच घर्षण बल उत्पन्न होता है।

गौर करें –

गुरुत्वाकर्षण बल ( gravitational force ) या विद्युत-चुम्बकीय बल ( Electromagnetic force ) मूलभूत बल ( fundamental force ) होते हैं परन्तु घर्षण ( friction ) मूलभूत बल नहीं होता है।

Tribology (Science of causes of friction)

ट्राइबोलॉजी ( घर्षण के कारण का विज्ञान )

ट्राइबोलॉजी, विज्ञानं की वह शाखा है जो घर्षण बल और उसके उत्पत्ति के कारणों ( causes of friction )पर अध्ययन करता है। ग्रीक शब्द tribos का अर्थ होता है घिसना या घिसाई ( rubbing )।

ट्राइबोलॉजी का विज्ञान हमें संपर्क यांत्रिकी ( contact mechanics ) के द्वारा ऊर्जा की क्षति ( loss of energy ) के विषय में बताता है। विज्ञान की यह शाखा ट्राइबोलॉजी गुणों जैसे, आसंजन ( adhesion ), घर्षण ( friction ), स्नेहन ( lubrication ) और जीर्ण ( wear ) आदि पर व्याख्या करता है।

लियोनार्डो दा विंसी ( Leonardo da Vinci ) (1452-1519) को आधुनिक ट्राइबोलॉजी का पिता कहा जाता है। उन्होंने घर्षण ( friction ), घिसाव ( wear ), बियरिंग पदार्थ ( bearing materials ), साधारण बियरिंग ( plain bearing ), स्नेहन पद्धति ( lubrication system ), गिअर ( gear ) और स्क्रू जैक ( screw-jacks ) जैसे विषयों पर गहराई से अध्ययन किया।

गिलियूम अमोंटोंस ( Guillaume Amontons ) (1663-1705) और चार्ल्स-ऑगस्टिन कूलम्ब ( Charles-Augustin Coulomb ) (1736-1806) अन्य प्रसिद्ध ट्राइबोलॉजिस्ट हैं। घर्षण के विषय पर उनके निष्कर्ष निम्नलिखित तीन परिकल्पनाओं ( hypothesis ) में संक्षेपित हैं –

  1. अमोंटोंस का प्रथम नियम – घर्षण बल ( friction force ), लगाए गए बल के समानुपाती होता है।
  2. अमोंटोंस का दूसरा नियम – घर्षण बल ( friction force ), संपर्क में रहे क्षेत्रों से स्वतंत्र होता है।
  3. कूलम्ब का नियम – गतिज घर्षण ( kinetic friction ) फिसलन के वेग ( sliding velocity ) से स्वतंत्र होता है।

Theories of causes of friction

घर्षण के कारण के सिद्धांत

घर्षण के मुख्य कारण ( main causes of friction ) निम्नलिखित हैं –

  1. आणविक आसंजन ( Molecular adhesion )।
  2. विरूपण और सतह के खुरदरापन के कारण इंटरलॉकिंग ( Interlocking due to surface roughness & deformation )।
  3. विद्युत-चुम्बकीय आकर्षण ( Electromagnetic attraction )।

इनकी व्याख्या इस प्रकार से है –

1. Molecular adhesion

आणविक आसंजन

संस्पर्श में रहे दो विभिन्न वस्तुओं को अलग करने के लिए जो आवश्यक बल लगता हैं उसे आसंजन ( adhesion ) कहा जाता है। एक प्रसिद्ध ट्राइबोलॉजिस्ट, देसंगुलियर्स ( Desanguliers ) (1734) ने आसंजन को घर्षण के कारण ( cause of friction ) होने का प्रस्ताव दिया।

2. Interlocking

इंटरलॉकिंग

अन्य ट्राइबोलॉजिस्ट अमोंटोंस ( Amonton ) ने सुझाव दिया कि, घर्षण संस्पर्श क्षेत्र ( area of contact) पर निर्भर नहीं करता है। प्रयोगों के द्वारा उन्होंने आसंजन की अवधारणा ( concept of adhesion ) के विपरीत एक परिकल्पना प्रदान की।

उन्होंने यांत्रिक अनियमित्ताओं ( mechanical asperities ) के इंटरलॉकिंग सिद्धांत को विकसित किया। इसके अनुसार, वस्तुओं के संस्पर्श का वास्तविक क्षेत्र असंख्य छोटे छोटे संस्पर्शीय क्षेत्रों से बना होता है जिसे एस्पेरिट्स ( asperities ) कहते हैं। ये संस्पर्शीय सतहों के संगम बिंदु ( junction points ) होते हैं जहां परमाणु-से-परमाणु का संस्पर्श होता है।

इसे संस्पर्श के वास्तविक क्षेत्र की अवधारणा  ( concept of real area of contact ) कहा जाता है।

देसंगुलियर्स ( Desanguliers ) के आसंजन सिद्धांत और अमोंटोंस ( Amonton ) की परिकल्पना के बीच का विरोधाभास, संस्पर्श के वास्तविक क्षेत्र की अवधारणा” से मिट गया।

अन्य ट्राइबोलॉजिस्ट, बॉडेन और टैबोर ( Bowden and Tabor ) (1954) ने बताया कि, दो फिसलते हुए सतहों के बीच का स्थैतिक घर्षण ( static friction ) का बल, संस्पर्श सतहों के वास्तविक क्षेत्र पर निर्भर करता है जिसके कारण अपघर्षण ( abrasion ) उत्पन्न होती है। जब एक कठोर और खुरदरी सतह एक नरम सतह पर खिसकती है तो अपरूपण तनाव ( shear strain ) बढ़ने से अपघर्षण नहीं होता बल्कि एस्पेरिट्स के संगम बिंदु ( junction points ) प्लास्टिक की तरह घिस कर मिटने लगते हैं। यह प्रक्रिया संस्पर्श में रहे दोनों सतहों के आसंजन बलों ( force of adhesion ) पर निर्भर करती है। इसे एस्पेरिट्स का प्लास्टिक प्रवाह ( plastic flow of asperities ) कहते हैं। इस स्थिति में घर्षण और लगाए गए बल के बीच रैखिक सम्बन्ध ( linear relation ) पाया जाता है, जैसा कि अमोंटोंस की प्रथम परिकल्पना में कहा गया है।

3. Eelectromagnetic attraction

विद्युत-चुम्बकीय आकर्षण

कुछ वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि घर्षण, संस्पर्श में रहे दो सतहों के बीच विद्युत-चुम्बकीय आकर्षण बल के परिणामस्वरूप होता है।


Importance of friction

घर्षण का महत्व

घर्षण बल हमेशा वस्तु की गति या गति होने की प्रवृत्ति के विपरीत दिशा में कार्य करता है। यह घर्षण बल, गतिज ऊर्जा ( kinetic energy ) को ऊष्मा ( heat ) और प्रकाश ऊर्जा ( light energy ) में परिवर्तित करता है। घर्षण बल में “उपयोगी” और “अनुपयोगी” दोनों प्रकार के गुण पाए जाते हैं।

घर्षण – एक उपयोगी गुणघर्षण – एक अनुपयोगी गुण
विभिन्न उपयोगिताओं में घर्षण को एक उपयोगी गुण या वांछनीय गुण के रूप में पाया जाता है।

  1. सड़क पर वाहनों की गति, जमीन पर चलने आदि पर विचार करने से घर्षण को एक उपयोगी गुण या वांछनीय गुण के रूप में पाया जाता है।
  2. अधिकांश थल वाहन ( land vehicle ) त्वरण ( acceleration ), मंदी ( retardation ) और दिशा बदलने के लिए घर्षण पर निर्भर करते हैं।
  3. ऐसे असंख्य उदाहरण हैं जहां घर्षण मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी शिद्ध होता है।
कई अन्य उपयोगिताओं में, घर्षण को एक अनुपयोगी गुण या अवांछनीय गुण के रूप में पाया जाता है।

  1. जब मशीनों के कामकाज पर विचार किया जाता है तो पाया जाता है कि घर्षण हानि पहुँचता है और मशीन के पावर इनपुट ( input power ) को बढ़ाता है।
  2. यह इनपुट पावर का क्षय करता है जो ऊष्मा ऊर्जा ( heat energy ) में परिवर्तित होकर मशीन के कल-पुर्जों में टूट-फूट ( wear and tear ) होने का कारण बनती है।
  3. घर्षण की उपस्थिति से मशीन का प्रदर्शन ( performance ) बिगड़ता है, दक्षता ( efficiency ) घट जाती है और परिचालन तथा रखरखाव की लागत ( maintenance cost ) में वृद्धि होती है।
  4. घर्षण के कारण, यांत्रिक लाभ ( mechanical advantage ) में कमी, कल पुर्जों की टूट-फूट या क्षति होती है।