Laws of Friction

What are laws of friction?

घर्षण बल के नियम क्या हैं?

घर्षण बल के मूल नियम ( Laws of friction ) कुल पाँच हैं –

पहला नियम – जब कोई वस्तु किसी सतह पर गतिमान होता है, तो घर्षण बल ( frictional force ) संस्पर्षिय सतह पर लम्ब प्रतिक्रिया ( normal reaction ) के समानुपातिक होता है। इसकी दिशा संस्पर्षिय सतह पर स्पर्शरेखीय होता है और गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है।

दूसरा नियम – वस्तुओं के संस्पर्षिय सतह के क्षेत्र पर घर्षण निर्भर नहीं करता है।

तीसरा नियम – स्थैतिक घर्षण ( static friction ) का गुणांक, गतिज घर्षण ( kinetic friction ) के गुणांक के मान से थोड़ा अधिक होता है।

चौथा नियम – गतिज घर्षण का मान, गतिमान वस्तु के वेग ( velocity ) से स्वतंत्र होता है।

पाँचवा नियम – घर्षण बल संस्पर्शिय सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

गौर करें –

घर्षण के नियम शुद्ध रूप से प्रायोगिक हैं और उनका कोई गणितीय प्रमाण ( arithmetical proof ) नहीं है।


Coefficient of friction

घर्षण गुणांक

घर्षण बल के प्रथम नियम ( First law of friction ) के अनुसार –

जब कोई वस्तु किसी सतह पर गति में होता है तो घर्षण बल, संस्पर्षिय सतह पर लम्ब प्रतिक्रिया के समानुपातिक होता है। इसकी दिशा संस्पर्षिय सतह पर स्पर्शरेखीय होता है और गति की दिशा के विपरीत दिशा में कार्य करता है।

COEFFICIENT OF FRICTION
021401 COEFFICIENT OF FRICTION

चित्र में दिखाए गए एक क्षैतिज सतह AB पर स्थिर अवस्था में रखे एक ठोस ब्लॉक पर विचार करें। इसे स्थानांतरित करने के लिए ब्लॉक पर एक खिंचाव बल ( P ) लगाया जाता है। परन्तु ब्लॉक स्थिर ही रहता है क्योंकि घर्षण बल की उपस्थिति, ब्लॉक की गति को प्रतिबंधित करता है।

यदि खिंचाव बल इतना पर्याप्त है कि ब्लॉक गति करने को तत्पर हो जाता है तब उत्पन्न घर्षण बल ( f ), ब्लॉक की गति की प्रवृत्ति के विपरीत दिशा में संस्पर्श की सतह पर स्पर्शरेखा में कार्य करेगा। इस स्थिति में उत्पन्न घर्षण बल, लिमिटिंग घर्षण बल ( limiting frictional force ) कहलाता है।

माना कि संस्पर्शीय सतह पर का लम्ब प्रतिक्रिया ( N ) है। चूँकि, सतह AB क्षैतिज है, इसलिए लम्ब प्रतिक्रिया ब्लॉक के भार के बराबर होगा।

अतः N = ( mg )

यहाँ ( m ) ब्लॉक का द्रब्यमान ( mass ) है और ( g ) पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण ( acceleration due to gravity ) है।

घर्षण के प्रथम नियम के अनुसार हम जानते हैं कि घर्षण बल, संस्पर्षिय सतह पर लम्ब प्रतिक्रिया के समानुपातिक होता है।

अर्थात, \quad \left ( \frac {f}{N} \right ) = \text {नियतांक}

इस नियतांक को घर्षण गुणांक ( coefficient of friction ) कहा जाता है। इसे ( \mu ) के द्वारा दर्शाते हैं।

अतः, घर्षण गुणांक \quad \mu = \left ( \frac {f}{N} \right )

अतः, एक जोड़े संस्पर्शीय सतहों के बीच घर्षण बल और लम्ब प्रतिक्रिया के बीच के अनुपात को घर्षण गुणांक के रूप में व्यक्त किया जाता है।

Values of coefficient of friction

घर्षण गुणांक के मान

घर्षण गुणांक ( coefficient of friction ) का मान निम्न बातों पर निर्भर करता है –

  1. वस्तु के पदार्थ की प्रकृति।
  2. वस्तुओं  के संस्पर्शीय सतह का खुरदरापन।

घर्षण गुणांक ( coefficient of friction ) का मान निम्न बातों पर निर्भर नहीं करता है –

  1. वस्तुओं के संस्पर्शीय सतह का क्षेत्रफल।
  2. पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण ( g ) का मान।

इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए निम्न वर्णित उदहारण पर विचार करें –

दिखाए गए चित्र पर गौर करें। विचार करें कि लकड़ी का एक आयताकार ब्लॉक A को एक सतह पर रखा गया है। मान लें कि ब्लॉक की लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई क्रमशः ( l ), \ ( b ) \ \text {और} \ ( h ) हैं।

COMPARISON OF DIFFERENT COEFFICIENTS OF FRICTION
021402 COMPARISON OF DIFFERENT COEFFICIENTS OF FRICTION

अब अलग-अलग प्रकार के सतहों पर ब्लॉक को अलग-अलग तरीके से रखने पर विचार करें –

  • चित्र (A) में, लकड़ी के ब्लॉक को एक खुरदरी काँच के समतल सतह पर रखा गया है। इस चित्र में, ब्लॉक का बड़ा आयाम, अर्थात \left ( l \times b \right ) क्षेत्र वाला सतह काँच के सतह के संस्पर्श में है। मान लें कि सतहों के इस संयोजन के लिए घर्षण गुणांक का मान ( \mu_1 ) है और विकसित घर्षण बल ( f_1 ) है।
  • चित्र (B) में, उसी लकड़ी के ब्लॉक को उसी खुरदरी काँच के समतल सतह पर रखा गया है। इस समय ब्लॉक का छोटा आयाम, अर्थात \left ( b \times h \right ) क्षेत्र वाला सतह काँच के सतह के संस्पर्श में है। मान लें कि सतहों के इस संयोजन के लिए घर्षण गुणांक का मान ( \mu_2 ) है और विकसित घर्षण बल ( f_2 ) है।
  • चित्र (C) में, उसी लकड़ी के ब्लॉक को अब एक दूसरे चिकने काँच के समतल सतह पर रखा गया है। इस समय फिर से ब्लॉक का बड़ा आयाम, अर्थात \left ( l \times b \right ) क्षेत्र वाला सतह काँच के सतह के संस्पर्श में है। मान लें कि सतहों के इस संयोजन के लिए घर्षण गुणांक का मान ( \mu_3 ) है और विकसित घर्षण बल ( f_3 ) है।
  • चित्र (D) में, उसी लकड़ी के ब्लॉक को अब एक रबड़ के समतल सतह पर रखा गया है। इस समय फिर से ब्लॉक का बड़ा आयाम, अर्थात \left ( l \times b \right ) क्षेत्र वाला सतह काँच के सतह के संस्पर्श में है। मान लें कि सतहों के इस संयोजन के लिए घर्षण गुणांक का मान ( \mu_4 ) है और विकसित घर्षण बल ( f_4 ) है।

OBSERVATION – 1

चित्र (A) और (B) में स्थितियों के बीच तुलना करने पर हम पाते हैं कि –

  1. संस्पर्शीय सतहों की प्रकृति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
  2. संस्पर्शीय सतहों के क्षेत्रफल में परिवर्तन हुआ है।
  3. ब्लॉक का द्रव्यमान या भार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

घर्षण के नियमों के अनुसार निम्नलिखित अवलोकन प्राप्त होते हैं –

  1. ( \mu_1 ) = ( \mu_2 ) – क्योंकि घर्षण गुणांक संस्पर्श में आने वाले दोनों वस्तुओं के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
  2. ( f_1 = f_2 ) – क्योंकि घर्षण संस्पर्शीय सतहों के क्षेत्र पर निर्भर नहीं करता है। यह केवल वस्तु के द्रव्यमान अर्थात लम्ब प्रतिक्रिया ( normal reaction ) पर निर्भर करता है। यदि वस्तु को बड़ा या छोटा किसी भी आयाम के साथ काँच के सतह के संस्पर्श में रखा जाए तो द्रव्यमान नहीं बदलता है।

OBSERVATION – 2

चित्र (A) और (C) में स्थितियों के बीच तुलना करने पर हम पाते हैं कि –

  1. खुरदरेपन के कारण संस्पर्शीय सतहों की प्रकृति में परिवर्तन हुआ है।
  2. संस्पर्शीय सतहों के क्षेत्रफल में परिवर्तन नहीं हुआ है।
  3. ब्लॉक का द्रव्यमान या भार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

घर्षण के नियमों के अनुसार निम्नलिखित अवलोकन प्राप्त होते हैं –

  1. ( \mu_3 ) < ( \mu_1 ) – क्योंकि घर्षण गुणांक संस्पर्श में आने वाले दोनों वस्तुओं के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। चिकने सतह का घर्षण गुणांक कम होता है।
  2. ( f_3 < f_1 ) – चिकने काँच कि सतह का घर्षण गुणांक कम होने के कारण घर्षण बल कम होता है।

OBSERVATION – 3

चित्र (A) और (D) में स्थितियों के बीच तुलना करने पर हम पाते हैं कि –

  1. भिन्न पदार्थ के सतह होने के कारण संस्पर्शीय सतहों की प्रकृति में परिवर्तन हुआ है।
  2. संस्पर्शीय सतहों के क्षेत्रफल में परिवर्तन नहीं हुआ है।
  3. ब्लॉक का द्रव्यमान या भार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

घर्षण के नियमों के अनुसार निम्नलिखित अवलोकन प्राप्त होते हैं –

  1. ( \mu_4 ) > ( \mu_1 ) – क्योंकि घर्षण गुणांक संस्पर्श में आने वाले दोनों वस्तुओं के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। रबड़ के सतह का घर्षण गुणांक काँच के सतह से अधिक होता है।
  2. ( f_4 > f_1 ) – रबड़ के सतह का घर्षण गुणांक अधिक होने के कारण घर्षण बल अधिक होता है।

OBSERVATION – 4

चित्र (C) और (D) में स्थितियों के बीच तुलना करने पर हम पाते हैं कि –

  1. भिन्न पदार्थ के सतह होने के कारण संस्पर्शीय सतहों की प्रकृति में परिवर्तन हुआ है।
  2. संस्पर्शीय सतहों के क्षेत्रफल में परिवर्तन नहीं हुआ है।
  3. ब्लॉक का द्रव्यमान या भार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

घर्षण के नियमों के अनुसार निम्नलिखित अवलोकन प्राप्त होते हैं –

  1. ( \mu_4 ) > ( \mu_3 ) – क्योंकि घर्षण गुणांक संस्पर्श में आने वाले दोनों वस्तुओं के पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। रबड़ के सतह का घर्षण गुणांक काँच के सतह से अधिक होता है।
  2. ( f_4 > f_3 ) – रबड़ के सतह का घर्षण गुणांक अधिक होने के कारण घर्षण बल अधिक होता है।

Coefficient of friction more than 1

घर्षण गुणांक का मान 1 से अधिक हो सकता है

लगभग सभी सतहों के लिए घर्षण गुणांक का मान 1 से कम होता है।

अतः ( \mu < 1 )

एक जोड़े संस्पर्शीय सतहों के लिए घर्षण बल ( f ) का मान लम्ब प्रतिक्रिया ( normal reaction ) के मान से हमेशा कम होता है। इसलिए, अधिकांश संस्पर्शीय सतहों के लिए ( f < N )

कुछ दुर्लभ मामले में घर्षण गुणांक का मान एक से अधिक पाया जाता है। इस स्थिति में घर्षण बल, लम्ब प्रतिक्रिया से अधिक होता है।

उदाहरण – सिलिकॉन रबर का घर्षण गुणांक ( \mu ) का मान 1 से बहुत अधिक होता है।


Angle of friction

घर्षण कोण

चित्र में दिखाए ( m ) द्रब्यमान के एक वस्तु पर विचार करें जो एक खुरदरे तल AB पर स्थित है। इस वस्तु को गति में लाने के लिए इसपर ( P ) मान का एक खिंचाव बल लगाया जाता है।

ANGLE OF FRICTION OR ANGLE OF REPOSE
021403 ANGLE OF FRICTION OR ANGLE OF REPOSE

जब वस्तु गति करने के लिए तत्पर होती है उस समय उसका संतुलन निम्नलिखित बलों पर निर्भर होता है –

  1. वस्तु का वजन ( W = mg ) ( ऊर्ध्वाधर नीचे की ओर कार्य करता है।  )
  2. खिंचाव बल ( P ) ( क्षैतिज दिशा में कार्य करता है। )
  3. लम्ब प्रतिक्रिया ( N ) ( संस्पर्शिया सतह पर लंबवत कार्य करता है। )
  4. घर्षण बल ( f ) ( वस्तु में गति की प्रवृत्ति के दिशा के विपरीत कार्य करता है। )

अब, सतह पर कार्य करने वाला लम्ब प्रतिक्रिया ( N ) है –

N = ( mg )

मान लें कि, लम्ब प्रतिक्रिया ( N ) और घर्षण बल ( f ) का परिणामी बल ( resultant force ) ( R ) है। माना कि यह परिणामी बल ( R ) लम्ब प्रतिक्रिया ( N ) के साथ घनात्मक दिशा में ( \phi ) का एक कोण बनाता है।

घर्षण बल और लम्ब प्रतिक्रिया के परिणामी बल द्वारा लम्ब प्रतिक्रिया के साथ सकारात्मक दिशा में बनाये गए कोण को घर्षण कोण ( angle of friction ) या विश्राम कोण ( angle of repose ) के रूप में जाना जाता है।

घर्षण बल ( f ) और ( N ) को संग्लग्न भुजाएँ मानकर समांतर चतुर्भुज को पूरा करने पर हम पाते हैं कि –

\tan \phi = \left ( \frac {f}{N} \right )

परन्तु, घर्षण गुणांक कि परिभाषा के अनुसार \quad \mu = \left ( \frac {f}{N} \right )

अतः \quad \mu = \tan \phi

इस प्रकार हम पाते हैं कि, घर्षण गुणांक ( \mu ) का मान घर्षण कोण ( \phi ) की ( \tan \phi ) के बराबर होता है।


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –