Moment of Force

  • What is called Moment of a Force?

बल आघूर्ण किसे कहते हैं?

एक बिंदु पर किसी बल का बल आघूर्ण ( moment ) को उस बिंदु से बल की क्रिया रेखा की लम्बवत दूरी और बल के मान ( magnitude ) के गुणनफल के रूप में परिभाषित किया जाता है।

यदि, गति के लिए स्वतंत्र ( free to move ) किसी वस्तु पर कोई बल कार्य कर रहा है तो, इस बल का प्रभाव वस्तु पर कुछ क्रिया या गति उत्पन्न करता है। बल के प्रभाव से वस्तु में या तो घूर्णन की प्रवृत्ति ( turning tendency ) या स्थानांतरण की प्रवृत्ति ( translating tendency ) उत्पन्न होती है।

घूर्णन या स्थानांतरण की यह प्रवृत्ति निम्न दो बिंदुओं की सापेक्ष स्थिति ( relative position ) पर निर्भर करती है – (1) वह बिंदु जिसके माध्यम से बल की क्रिया रेखा ( line of action ) गुजरती है। (2) वस्तु का कब्जित बिंदु ( hinge point ) या वस्तु का centre of mass बिंदु।

यदि वस्तु के स्थानांतरण कि गति को रोकने के लिए किसी बिंदु पर उसे कब्जित ( hinged ) कर दिया जाता है तो, वस्तु कब्जित बिंदु ( hinged point ) पर सिर्फ घूर्णन करने की प्रवृत्ति रखता है। बल द्वारा उत्पन्न इस घूर्णन की प्रवृत्ति को ही बल आघूर्ण ( moment of force ) कहा जाता है।

Action of a Moment

बल आघूर्ण के प्रभाव

आघूर्ण के प्रभाव को समझने के लिए, एक समतल सतह पर रखे गए एक ब्लॉक पर विचार करें। प्रारम्भ में अपने द्रव्यमान के कारण ब्लॉक स्थिर जड़ता ( inertia of rest ) से स्थिरावस्था में रहता है।

अब, किसी बिंदु पर एक बल ( P ) को लगाया जाता है। इस बल के कारण, ब्लॉक में स्थान-परिवर्तन करने की प्रवृत्ति उत्पन्न होगी। यह स्थान-परिवर्तन लगाए गए बल की क्रिया बिंदु पर निर्भर करता है। बल के क्रिया बिंदु trajectory को बल की क्रिया रेखा ( line of action of force ) कहा जाता है।

बल की क्रिया रेखा वस्तु के centre of mass या किसी अन्य बिंदु से होकर गुजर सकती है। अतः बल की क्रिया रेखा कि स्थिति के अनुसार, बल आघूर्ण के दो प्रभाव हो सकते हैं –

  1. बल आघूर्ण से स्थानांतरण का प्रभाव। ( Translation effect of moment )
  2. बल आघूर्ण से घूर्णन का प्रभाव। ( Rotational effect of moment )

Moment producing Translation effect

बल आघूर्ण से स्थानांतरण का प्रभाव

स्थानांतरण के लिए स्वतंत्र किसी वस्तु का द्रव्यमान केंद्र ( centre of mass ), उसकी धुरी बिंदु ( pivot point ) के रूप में कार्य करता है। बल की क्रिया रेखा के स्थिति के अनुसार, एक मुक्त वस्तु में या तो स्थानांतरण करने या घूर्णन करने की प्रवृत्ति होती है। अतः बल की क्रिया रेखा यदि द्रव्यमान केंद्र से होकर गुजरती है तो बल आघूर्ण ( moment ) की उत्पत्ति नहीं होगी और वस्तु में शिर्फ स्थानांतरण की गति होगी। इसे चित्र में दर्शाया गया है।

TRANSLATION MOTION DUE TO FORCE
020601 TRANSLATION MOTION DUE TO FORCE

Moment producing Rotation effect

बल आघूर्ण से घूर्णन का प्रभाव

यदि ब्लॉक पर लगाए गए बल की क्रिया रेखा द्रव्यमान केंद्र से होकर नहीं गुजरती है तो, एक बल आघूर्ण ( moment ) की उत्पत्ति होगी जो वस्तु में घूर्णन की गति उत्पन्न करती है। इसे चित्र में दर्शाया गया है।

ROTATION EFFECT DUE TO MOMENT OF FORCE
020602 ROTATION EFFECT DUE TO MOMENT OF FORCE

अतः बल आघूर्ण वह कारक है जो किसी वस्तु में स्थानांतरण या घूर्णन का प्रभाव पैदा करता है। बल की क्रिया रेखा  ( line of action ) की स्थिति ही मुख्य कारण है जो बल आघूर्ण की उत्पत्ति करता है और एक वस्तु में उत्पन्न गति के प्रकार को निर्धारित करता है।

Magnitude of Moment

बल आघूर्ण का मान

किसी बिंदु पर लग रहे घूर्णन गति के प्रभाव की माप से उस बिंदु पर बल आघूर्ण का मान ( magnitude of moment ) ज्ञात होता है।

उपरोक्त चित्र पर विचार करें। मान लें कि, लगाए गए बल का परिमाण ( P ) है। बल की क्रिया रेखा की लंबवत दूरी, वस्तु के द्रब्यमान केंद्र से ( d ) है। तब, बल ( P ) और लंबवत दूरी ( d ) के गुणनफल से बल आघूर्ण के मान का पता चलता है।

अतः वस्तु के द्रव्यमान केंद्र पर बल आघूर्ण का मान होगा ( P \times d ) [/कॉटेक्स]। दूरी [katex] ( d ) को बल आघूर्ण भुजा ( arm of moment ) कहा जाता है।

अतः \quad \text {बल आघूर्ण का मान} = \text {बल} \times \text {लम्बवत दूरी} = \text {बल} \times \text {बल आघूर्ण भुजा}


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें -


Direction of Moment

बल आघूर्ण कि दिशा

यदि किसी बिंदु पर उत्पन्न बल आघूर्ण, उस बिंदु को घड़ी की दिशा ( clockwise ) में घुमाने कि प्रवृति रखता है तो ऐसे आघूर्ण को दक्षिणावर्त आघूर्ण ( clockwise moment ) कहा जाता है। दक्षिणावर्त आघूर्ण को घनात्मक राशि ( positive quantity ) के रूप में लिया जाता है।

इसी प्रकार, यदि किसी बिंदु पर उत्पन्न बल आघूर्ण, उस बिंदु को घड़ी की दिशा के विपरीत दिशा ( anti-clockwise ) में घुमाने कि प्रवृति रखता है तो ऐसे आघूर्ण को वामावर्त आघूर्ण ( anti-clockwise moment ) कहा जाता है। वामावर्त आघूर्ण को ऋणात्मक राशि ( negative quantity ) के रूप में लिया जाता है।


Couple

बल युग्म

बल आघूर्ण ( moment ) के एक विशेष स्थिति को ही बल युग्म ( couple ) कहा जाता है जो पूर्ण घूर्णन उत्पन्न करता है।

चित्र में दिखाए गए, एक छड़ AB पर विचार करें जिसकी लंबाई ( d ) है। छड़ के दोनों सिरे A और B पर समान मात्रा वाले दो बल क्रमशः ( P_a ) और ( P_b ) एक दूसरे के विपरीत दिशा में लग रहे हैं।

COUPLE OF FORCES
020603 COUPLE OF FORCES

चूँकि छड़, ( d ) दूरी पर लगने वाले दो बराबर बालों से प्रभावित है, अतः प्रत्येक बल अपने स्वयं का बल आघूर्ण उत्पन्न करेगा। दोनों बल छड़ की धुरी के लंबवत कार्य कर रहे हैं, इसलिए बलों की क्रिया रेखा के बीच की दूरी ( d ) के बराबर होगी। अतः बल ( P_a ) ऊपर की ओर कार्य करते हुए दक्षिणावर्त आघूर्ण ( clockwise moment ) उत्पन्न करता है वहीं बल ( P_b ) नींचे की ओर कार्य करते हुए एक वामावर्त आघूर्ण ( anti-clockwise moment ) उत्पन्न करता है। दोनों आघूर्ण एक साथ मिलकर छड़ को दक्षिणावर्त दिशा में घुमाने का प्रयत्न करते हैं।

बलों के इस प्रकार की क्रिया को बल युग्म ( couple ) कहते हैं। बल युग्म में कार्यरत दोनों बलों कि प्रकृति निम्नलिखित प्रकार कि होती है -

  1. बलों की क्रिया रेखाएं एक दूसरे के समानांतर होते हैं।
  2. दोनों बलों के मान बराबर होते हैं परन्तु उनकी दिशा एक दूसरे के विपरीत होती है।
  3. दोनों बल एक साथ, एक ही वस्तु, परन्तु विभिन्न क्रिया रेखा के माध्यम से कार्य करते हैं।
  4. वस्तु में पूर्ण घूर्णन ( rotary motion ) उत्पन्न होता है और किसी प्रकार की स्थानांतरण की गति नहीं होती है।

Magnitude of Couple

बल युग्म का मान

MAGNITUDE OF A COUPLE
020604 MAGNITUDE OF A COUPLE

चित्र में दिखाए गए छड़ पर विचार करें। छड़ के दोनों सिरे A और B पर बराबर मात्रा परन्तु विपरीत दिशा वाले बल क्रमशः ( P_a ) और ( P_b ) लग रहे हैं। ये बल इस प्रकार से कार्यरत हैं की इनकी क्रिया रेखा के बीच की दूरी ( d ) है।

तब बल युग्म का मान, दोनों बलों में से किसी एक बल ( P_a ) अथवा ( P_b ) के मान और इन बलों के क्रिया रेखा के बीच की लंबवत दूरी ( d ) के गुणनफल से ज्ञात होता है।

अतः बल युग्म का मान -

( P_a \times d ) अथवा ( P_b \times d ) .

दूरी ( d ) को बल युग्म भुजा ( arm of couple ) भी कहा जाता है।

अतः \quad \text {बल युग्म का मान} = \text {कोई एक बल का मान} \times \text {लम्बवत दूरी} = \text {कोई एक बल का मान} \times \text {बल युग्म भुजा}

अब चित्र में दिखाए गए एक अन्य प्रकार की स्थिति पर विचार करें। इस स्थिति में दोनों बल सामानांतर तो हैं पर वह छड़ की धुरी के लंबवत नहीं हैं। बलों के बीच की लंबवत दूरी को चित्र में दर्शाया गया है।

अतः बल युग्म का मान होगा -

( P_a \times d ) अथवा ( P_b \times d )


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें -


Difference between Moment & Couple

बल आघूर्ण और बल युग्म में अंतर

हम जानते हैं कि, किसी वस्तु में एक बल के द्वारा उत्पन्न घूर्णन कि स्थिति या तो बल आघूर्ण ( moment ) या बल युग्म ( couple ) के कारण होती है।

आमतौर पर बल आघूर्ण और बल युग्म शब्दों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है। एक समान प्रतीत होते हुए भी इन दोनों बीच निम्नलिखित बुनियादी अंतर हैं।

  1. बल आघूर्ण ( moment ) किसी एक बल का प्रभाव होता है परन्तु एक बल युग्म ( couple ), एक जोड़ी बलों के प्रभाव का नतीजा होता है जो एक ही वस्तु पर कार्य कर रहे होते हैं।
  2. बल आघूर्ण एक translation कि गति या rotation की प्रवृत्ति दोनों पैदा कर सकता है परन्तु एक बल युग्म हमेशा pure rotation की प्रवृत्ति पैदा करता है।