Projectile Motion

What is called Projectile motion?

प्रक्षेप्य गति क्या होता है?

जब किसी कण को पृथ्वी की सतह के पास, क्षैतिज से एक कोण में ऊपर फेंका जाता है तो वह गुरुत्व ( gravity ) के प्रभाव से एक घुमावदार रास्ते पर गमन करते हुए पृथ्वी सतह पर आता है। इसे  projectile motion या प्रक्षेप्य गति कहा जाता है।

इस प्रकार से फेंके गए कण को प्रक्षेप्य ( projectile ) कहते हैं। प्रक्षेप्य गति ( projectile motion ) के द्वारा अनुरेखित वक्र पथ को प्रक्षेप पथ  ( trajectory ) कहते हैं।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक गैलीलियो ने एक प्रक्षेप्य गति ( projectile motion ) का प्रक्षेपवक्र को एक पैराबॉलिक वक्र ( parabolic curve ) बताया है। यदि किसी कण को सीधे ऊपर की ओर ऊर्ध्वाधर फेंका जाता है, तो उसका प्रक्षेप पथ ऊर्ध्वाधर एक सीधी रेखा होगी।

प्रक्षेप्य के उदाहरण –

  1. एक खिलाड़ी द्वारा फेंका गया भाला।
  2. एक पोत के किनारे के छेद से निकलने वाले पानी की धारा।
  3. एक इमारत के ऊपर से क्षैतिज रूप से फेंका गया पत्थर।

इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –


Principle of independence of motions

गतियों की स्वतंत्रता का सिद्धांत

वायु अवरोध की अनुपस्थिति में प्रक्षेप्य गति को निम्न दो स्वतंत्र गतियों का संयोजन माना जाता है –

  1. क्षैतिज दिशा में स्थिर वेग ( uniform velocity ) से गति।
  2. ऊर्ध्वाधर दिशा में गुरुत्वीय त्वरण ( acceleration due to gravity ) ( g ) के बराबर स्थिर त्वरण में गति।

एक प्रक्षेप्य या projectile motion की उपरोक्त दो गतियाँ ( अर्थात् क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर गति ) को एक दूसरे से स्वतंत्र मन जाता है। इसे गतियों की भौतिक स्वतंत्रता का सिद्धांत ( principle of physical independence of motions ) कहा जाता है।

उदाहरण – गतियों की भौतिक स्वतंत्रता के सिद्धांत को निम्न उदाहरण से समझा जा सकता है।

  1. यदि एक गेंद ( A ) को एक इमारत की छत से सीधे नींचे गिराया जाता है और उसी समय उसी स्थान से एक दूसरे गेंद ( B ) को क्षैतिज दिशा में फेंका जाता है तो पाया जाता है कि दोनों गेंदें एक ही समय में जमीन तक पहुँचते हैं परन्तु गिरने का स्थान अलग-अलग होता है।
  2. इससे यह सिद्ध होता है कि गेंद ( B ) की ऊर्ध्वाधर गति इसकी क्षैतिज गति से प्रभावित नहीं होती है।

Angular projection from ground

जमीन से कोणीय प्रक्षेपण

चित्र में दिखाए गए वस्तु पर विचार करें जो जमीन पर ( O ) बिंदु से क्षैतिज से ( \theta ) कोण की दिशा में, प्रारंभिक वेग ( u ) से प्रक्षेपित किया जाता है।

वस्तु के प्रारंभिक वेग ( u ) के दो आयताकार घटक ( rectangular components ) हैं –

  1. क्षैतिज घटक ( u \cos \theta ) है।
  2. ऊर्ध्वाधर घटक ( u \sin \theta ) है।
PROJECTION FROM GROUND
031301 PROJECTION FROM GROUND

Equation of trajectory of projectile motion

प्रक्षेपवक्र का समीकरण

प्रक्षेप्य द्वारा तय किए गए पथ के समीकरण को प्रक्षेपवक्र का समीकरण ( equation of trajectory ) कहा जाता है।

मान लीजिए, ( t ) समय के बाद वस्तु ( P ) बिंदु पर पहुंचता है। चूँकि क्षैतिज गति में कोई त्वरण नहीं है, अतः तय की गई दूरी होगी –

x = u \cos \theta t

या \quad t = \left ( \frac { x }{ u \cos \theta } \right )

ऊर्ध्वाधर दिशा में स्थिर त्वरण ( g ) होता है, अतः तय की गई ऊर्ध्वाधर दूरी होगी –

y = \left ( u \sin \theta \right ) t - \left ( \frac {1}{2} \right ) g t^2

= ( u \sin \theta ) \left ( \frac {x}{u \cos \theta} \right ) - \left ( \frac {1}{2} \right ) g \left ( \frac {x}{u \cos \theta} \right )^2

= ( \tan \theta ) x - \left ( \frac {g}{2u^2 \cos^2 \theta} \right ) x^2

चूँकि,  इस समीकरण में ( \theta, \ u \ \text {और} \ g ) नियतांक हैं।

अतः –

  • पद ( \tan \theta ) एक नियतांक होगा। मान लें यह ( p ) है।
  • पद \left [ \left ( \frac {g}{2 u^2 \cos^2 \theta} \right ) \right ] भी एक नियतांक होगा। मान लें यह ( q ) है।

अतः समीकरण \quad y = p x - q x^2 होगा।

इस प्रकार हम पाते हैं कि – ( y \propto x^2 ) यह एक पैराबॉलिक वक्र ( parabolic curve ) के लिए आवश्यक शर्त है।

इसलिए, प्रक्षेप्य का प्रक्षेपवक्र एक पैराबॉलिक वक्र होता है।

Time of maximum height

अधिकतम ऊंचाई का समय

वस्तु को प्रक्षेपित करने पर वह ऊपर कि ओर जाता है और उसके वेग का ऊर्ध्वाधर घटक ( u \sin \theta ) धीरे-धीरे कम होता जाता है। उड़ान की अधिकतम ऊंचाई पर पहुंचकर वेग शून्य हो जाता है। अब वस्तु नींचे की ओर गिरने लगता है।

मान लें कि ( t_m ) समय में वस्तु उड़ान के अधिकतम ऊंचाई ( h_m ) तक पंहुचता है।

अत: गति समीकरण से हम पाते हैं कि –

0 = u \sin \theta - g t_m

या \quad t_m = \left ( \frac {u \sin \theta}{g} \right )

Time of flight

उड़ान का समय

प्रक्षेप्य द्वारा प्रक्षेपित किये गए समय और प्रक्षेपण के क्षैतिज तल में  किसी बिंदु तक पहुंचने के बीच लगे हुए कुल समय को उड़ान कल ( time of flight ) कहा जाता है।

मान लें कि प्रक्षेपित करने के ( T_f ) समय बाद वस्तु जमीन पर B बिंदु पर पहुँचता है।

इसलिए, उड़ान कल के दौरान प्रक्षेप्य द्वारा तय किया गया कुल ऊर्ध्वाधर विस्थापन शून्य होगा।

अत: गति के kinematic equations से हम पाते हैं कि –

0 = ( u \sin \theta ) T_f - \left ( \frac {1}{2} \right ) g \ ( T_f )^2

या, \quad T_f = \left ( \frac {2 u \sin \theta}{g} \right ) = 2 \left ( \frac {u \sin \theta}{g} \right )

अतः \quad T_f = 2 t_m

अतः, \quad \text {उड़ान का कुल समय ( Total time of flight )} = \text {चढ़ाई का समय ( Time of ascent )} + \text {उतरने का समय ( Time of descent )}

या, \quad \text {उड़ान का कुल समय ( Total time of flight )} = 2 \times \text {अधिकतम ऊंचाई का समय ( Time of maximum height )}

Maximum height of flight

उड़ान की अधिकतम ऊंचाई

यह प्रक्षेप्य द्वारा तय की गयी अधिकतम ऊँचाई होती है। इसे ( h_m ) के द्वारा दर्शाया जाता है।

गति समीकरण से हम पाते हैं कि –

v^2 = u^2 + 2 a s

चूँकि, उड़ान के उच्चतम बिंदु पर वेग का ऊर्ध्वाधर घटक शून्य हो जाता है। अतः \quad 0^2 - (u \sin \theta )^2 = 2 ( - g ) h_m

या, \quad h_m = \left ( \frac {u^2 \sin^2 \theta}{2 g} \right )

Horizontal range

क्षैतिज सीमा

प्रक्षेपण के उड़ान के दौरान प्रक्षेप्य द्वारा तय की गई कुल दुरी को क्षैतिज दूरी ( horizontal distance ) कहा जाता है।

\text {क्षैतिज सीमा ( Horizontal range R )} = \text {क्षैतिज वेग ( Horizontal velocity )} \times \text {उड़ान का समय ( Time of flight )}

या \quad R = ( u \cos \theta ) \times 2 \left ( \frac {u \sin \theta}{g} \right ) = \left ( \frac {u^2}{g} \right ) ( 2 \sin \theta \cos \theta )

या \quad R = \left ( \frac {u^2 \sin 2 \theta}{g} \right )


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –


Horizontal projection from height

ऊँचाई से क्षैतिज प्रक्षेपण

चित्र में दिखाए वस्तु पर विचार करें जो एक निश्चित ऊँचाई ( h ) पर स्थित O बिंदु से प्रारंभिक वेग ( velocity ) ( u ) के साथ क्षैतिज दिशा में प्रक्षेपित होता है।

गतिमान वस्तु दो स्वतंत्र गतियों के प्रभाव में होता है –

  1. स्थिर क्षैतिज वेग ( u )
  2. निरंतर त्वरण ( acceleration ) ( g ) के साथ ऊर्ध्वाधर नींचे की ओर त्वरित गति।

इन दो गतियों के संयुक्त प्रभाव से वस्तु एक घुमावदार पथ OPA में गमन करता है।

Trajectory of projectile motion

प्रक्षेप्य का प्रक्षेपवक्र

HORIZONTAL PROJECTION FROM HEIGHT
031302 HORIZONTAL PROJECTION FROM HEIGHT

मान लें कि, ( t ) समय के बाद वस्तु P बिंदु पर पहुँचता है।

क्षैतिज दिशा में त्वरण शुन्य है और प्रारंभिक वेग ( u ) है। अतः गति समीकरण के उपयोग से वस्तु द्वारा तय की गई क्षैतिज दूरी होगी –

\quad x = u t 

या \quad t = \left ( \frac {x}{u} \right )

ऊर्ध्वाधर दिशा में त्वरण ( g ) है और प्रारंभिक वेग शुन्य है। गति समीकरण का उपयोग करते हुए वस्तु द्वारा तय की गई ऊर्ध्वाधर दूरी होगी –

y = 0 \times t + \left ( \frac {1}{2} \right ) g t^2

समय का मान \left ( t = \frac {x}{u} \right ) \quad रखने पर हम पाते हैं कि –

y = \left ( \frac {1}{2} \right ) g \left ( \frac {x}{u} \right )^2 = \left ( \frac {g}{2u^2} \right ) x^2

जहाँ \left ( \frac {g}{2u^2} \right ) एक नियतांक हैं, क्योंकि u \ \text {और} \ g नियतांक हैं।

अतः \quad y = k \ x^2

इस प्रकार हम पाते हैं कि, ( y \propto x^2 ) यह पैराबॉलिक वक्र ( parabolic curve ) के लिए एक आवश्यक शर्त है।

इसलिए, प्रक्षेप्य का प्रक्षेपवक्र एक पैराबॉलिक वक्र होता है।

Time of flight

उड़ान का समय

प्रक्षेप्य को O बिंदु से लेकर A बिंदु तक पहुँचने में लगा हुआ कुल समय को उड़ान काल  ( time of flight ) कहा जाता है।

मान लें कि ( T ) उड़ान काल है।

वस्तु के ऊर्ध्वाधर गति पर विचार कर गति समीकरण से हम पाते हैं कि –

h = 0 \times T + \left ( \frac {1}{2} \right ) g T^2

अतः \quad T = \sqrt { \left ( \frac {2h}{g} \right ) }

Horizontal range

क्षैतिज सीमा

प्रक्षेपण के उड़ान काल के दौरान प्रक्षेप्य द्वारा तय की गई कुल क्षैतिज दूरी को क्षैतिज सीमा ( horizontal range ) कहा जाता है। यह OA = R है।

\text {क्षैतिज सीमा ( Horizontal range R )} = \text {क्षैतिज वेग ( Horizontal velocity )} \times \text {उड़ान का समय ( Time of flight )}

या \quad R = u \times T

समय का मान T = \left [ \sqrt { \left ( \frac {2h}{g} \right ) } \right ] रखने पर हम पाते हैं कि –

R = u \sqrt { \left ( \frac {2h}{g} \right ) }

Velocity at an instant

किसी क्षण पर वेग

मान ले, किसी क्षण ( t ) पर वस्तु P बिंदु पर है और उसका वेग ( v ) है।

इस वेग के दो आयताकार घटक ( rectangular components ) हैं –

  1. क्षैतिज घटक ( horizontal component ) ( v_x = u )
  2. ऊर्ध्वाधर घटक ( vertical component ) ( v_y = 0 + gt = gt )

अतः, P बिंदु पर का परिणामी वेग होगा –

v = \sqrt { ( v_x )^2 + ( v_y )^2 } = \sqrt { ( u^2 + g^2 t^2 ) }

यदि यह वेग क्षैतिज से ( \beta ) का कोण बनता है, तब –

\tan \beta = \left ( \frac {v_y}{v_x} \right ) = \left ( \frac {g t}{u} \right )

या, \quad \beta = \tan^{-1} \left ( \frac {g t}{u} \right )


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –