What are called beam diagrams?
बेन्डिंग मोमेंट डायग्राम ( bending moment diagram ) के चित्रण में, हमें कुछ दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होता है, जैसा कि पहले लेख में बीम आरेख की मार्ग दर्शिका ( guide lines of beam diagram ) पंक्तियों में बताया गया है। बीम आरेखों को खींचने की प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझने के लिए, यहाँ कुछ सामान्य बीम और उनके लोडिंग पैटर्न के साथ बेन्डिंग मोमेंट आरेख तैयार किए गए हैं। ये हैं –
- Beam diagrams for a cantilever beam with point load.
- Beam diagrams for a cantilever beam with uniformly distributed load.
- Beam diagrams for a cantilever beam with uniformly varying load.
- Beam diagrams for a simply supported beam loaded with a couple.
इनका विवरण इस प्रकार से है –
Drawing of beam diagram for cantilever with point load
पॉइंट लोड के साथ कैंटीलीवर का आरेख चित्रण
चित्र में दिखाए गए एक cantilever beam पर विचार करें जिसकी लम्बाई ( l ) है और इसके मुक्त सिरे पर एक point load ( W ) लदा हुआ है।
SPACE DIAGRAM –
स्पेस डायग्राम
बीम के स्पेस डायग्राम ( space diagram ) को चित्र ( a ) में दिखाया गया है।
SHEAR FORCE DIAGRAM –
अपरूपण बल आरेख
यदि बीम के किन्हीं दो बिंदुओं के बीच कोई अन्य लोड नहीं होता है तो इन दो बिंदुओं के बीच स्थिर ( constant ) रहेगा। इसलिए, इन दो बिंदुओं के बीच का ( SF ) आरेख, आधार रेखा के समानांतर होगा।
- बीम के मुक्त सिरे B बिंदु पर ( W ) परिमाण का पॉइंट लोड लदा है।
- बिंदु A और बिंदु B के बीच कोई अन्य लोड नहीं है।
- इसलिए, इन बिंदुओं के बीच का अपरूपण बल आरेख, एक आयत है जिसकी चौड़ाई ( W ) है।
- लोड ( W ) का प्रभाव, बीम को दक्षिणावर्त ( clockwise ) दिशा में घूमने की प्रवृति रखता है।
- इसलिए ( SF ) आरेख positive है।
अपरूपण बल आरेख ( shear force diagram ) को चित्र ( b ) में दिखाया गया है।
BENDING MOMENT DIAGRAM –
बेन्डिंग मोमेंट आरेख
बीम के किन्हीं दो बिंदुओं के बीच कोई अन्य लोड नहीं होता है तो इन दो बिंदुओं के बीच बेन्डिंग मोमेंट linearly बदलता है। इसलिए, इनके बीच का ( BM ) आरेख, आधार रेखा पर झुका हुआ एक सरल रेखा होगा।
क्योंकि, बेंडिंग मोमेंट = लोड × दुरी। ( जैसे-जैसे बीम की लंबाई के साथ खंड की दूरी बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे बेन्डिंग मोमेंट भी रैखिक रूप से बढ़ता जाता है। )
- बिंदु B पर बेन्डिंग मोमेंट का मान शून्य है।
- बिंदु A पर बेन्डिंग मोमेंट का मान ( W \times l = W l ) है।
- इसलिए, ( BM ) आरेख, आधार रेखा पर झुकी हुई सीधी रेखा होकर त्रिभुजाकार क्षेत्र होती है।
- बेन्डिंग मोमेंट का प्रभाव, बीम को ∩ आकर में मोड़ने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए यह ऋणात्मक मोमेंट ( negative moment या hogging moment ) है।
बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( bending moment diagram ) को चित्र ( c ) में दिखाया गया है।
Drawing of beam diagram for cantilever with uniformly distributed load
वितरित लोड के साथ कैंटीलीवर का आरेख चित्रण
चित्र में दिखाए गए एक कैंटिलीवर बीम पर विचार करें जिसकी लम्बाई ( l ) है और प्रति इकाई लम्बाई में ( w ) परिमाण के uniformly distributed load से लादा गया है।
SPACE DIAGRAM –
स्पेस डायग्राम
बीम का स्पेस डायग्राम ( space diagram ) को चित्र ( a ) में दिखाया गया है।
SHEAR FORCE DIAGRAM –
अपरूपण बल आरेख
यदि बीम के किन्हीं दो बिंदुओं के बीच ( UDL ) होता है तो इन दो बिंदुओं के बीच अपरूपण बल linearly बदलता है।
वितरित लोड ( UDL ) की दर = ( w ) \ \text {per unit length} है।
इसलिए –
- मुक्त सिरे पर कुल लोड [ W = ( w \times 0 ) = 0 ] होगा।
- मुक्त सिरे से ( x ) दुरी पर, कुल लोड [ W = ( w \times x ) = w x ] होगा।
अतः, इन दो बिंदुओं के बीच का ( SF ) आरेख, आधार रेखा पर झुका हुआ एक सरल रेखा होगा।
- बिंदु A और बिंदु B के बीच कोई अन्य लोड नहीं है।
- बिंदु B पर कुल लोड का मान ( 0 ) है और बिंदु A पर ( wl ) है।
- इसलिए अपरूपण बल आरेख, एक त्रिभुज है जिसकी चौड़ाई ( w l ) है।
- लोड ( wx ) का प्रभाव, बीम को दक्षिणावर्त ( clockwise ) दिशा में घुमाने की प्रवृति रखता है।
- इसलिए ( SF ) आरेख positive है।
अपरूपण बल आरेख ( shear force diagram ) को चित्र ( b ) में दिखाया गया है।
BENDING MOMENT DIAGRAM –
बेन्डिंग मोमेंट आरेख
वितरित लोड ( UDL ) की दर = ( w ) \ \text {per unit length} है।
हम जानते हैं कि, बेंडिंग मोमेंट ( M ) = लोड × लोड के गुरुत्व केंद्र की दुरी।
इसलिए, बीम के एक सिरे से ( x ) की दुरी पर बेन्डिंग मोमेंट का मान –
M = \left ( w \ x \right ) \times \left ( \frac {x}{2} \right )
= \left ( \frac { w x^2}{2} \right )
इस प्रकार, बेन्डिंग मोमेंट में परिवर्तन कि दर ( x^2 ) के समानुपाती होता है। यह पैराबोला वक्र का एक आवश्यक शर्त है।
अतः, वितरित लोड ( UDL ) वाले बीम के दो बिंदुओं के बीच का ( BM ) आरेख, एक parabolic curve होता है।
- बिंदु B पर बेन्डिंग मोमेंट का मान शून्य है।
- बिंदु A पर कुल लोड का मान ( W = w \times l = w l ) है। इसलिए, यहाँ बेन्डिंग मोमेंट का मान \left ( wl \times \frac {l}{2} = \frac {wl^2}{2} \right ) होगा।
- बिंदु A और बिंदु B के बीच कोई अन्य लोड नहीं है।
- इसलिए ( BM ) आरेख एक पैराबोला वक्र है।
- बेन्डिंग मोमेंट का प्रभाव, बीम को ∩ आकर में मोड़ने की प्रवृत्ति रखता है। इसलिए यह hogging moment या negative moment है।
बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( bending moment diagram ) को चित्र ( c ) में दिखाया गया है।
Drawing of beam diagrams for a cantilever with varying load
बदलते लोड के साथ कैंटीलीवर आरेख का चित्रण
चित्र में दिखाए गए एक कैंटिलीवर बीम पर विचार करें। बीम की लम्बाई ( l ) है और uniformly varying load से लदा है जिसका मान, बीम के मुक्त सिरे पर ( 0 ) से लेकर स्थिर ( fixed ) सिरे पर प्रति इकाई लम्बाई में ( w ) की दर से बढ़ रहा है।
SPACE DIAGRAM –
स्पेस डायग्राम
बीम का स्पेस डायग्राम ( space diagram ) को चित्र ( a ) में दिखाया गया है।
SHEAR FORCE DIAGRAM –
अपरूपण बल आरेख
हम जानते हैं कि, बीम पर लोड का मान = त्रिभुजाकार लोड का कुल क्षेत्रफल।
अर्थात \quad W = \left ( \frac {1}{2} \right ) \times \text {आधार} \times {ऊँचाई}
फिर, मुक्त सिरे से ( x ) दुरी तक के लिए, त्रिभुजाकार लोड की ऊँचाई \quad \left ( \frac {wx}{l} \right ) होगी।
इसलिए, लोड का कुल मान होगा –
W = \left ( \frac{1}{2} \right ) \times x \times \left ( \frac {w x}{l} \right )
= \left ( \frac {w x^2}{2l} \right )
- अतः shear force का मान ( x^2 ) के समानुपाती है। यह पैराबोला वक्र का एक आवश्यक शर्त है।
इसलिए, बीम के दो बिंदुओं के बीच बदलते हुए लोड के कारण ( SF ) आरेख एक parabolic curve होता है।
लोड \left ( \frac {w x^2}{2l} \right ) का प्रभाव, बीम को clockwise दिशा में घुमाने की प्रवृति रखता है। इसलिए ( SF ) आरेख positive है।
अपरूपण बल आरेख ( shear force diagram ) को चित्र ( b ) में दिखाया गया है।
BENDING MOMENT DIAGRAM –
बेन्डिंग मोमेंट आरेख
हम जानते हैं कि, बेंडिंग मोमेंट ( M ) = लोड × लोड के गुरुत्व केंद्र की दुरी।
और त्रिभुज का centre of gravity \left ( \frac {\text {Height}}{3} \right ) होता है।
अतः बीम के एक सिरे से ( x ) दुरी पर बेन्डिंग मोमेंट का मान होगा –
M = \left ( \frac {w x^2}{2l} \right ) \left ( \frac {x}{3} \right )
= \left ( \frac {wx^3}{6l} \right )
- इस प्रकार, बेन्डिंग मोमेंट में परिवर्तन कि दर ( x^3 ) के समानुपाती होता है। यह घन वक्र का एक आवश्यक शर्त है।
अतः, समान रूप से बदलते लोड ( uniformly varying load ) वाले बीम के लिए बेंडिंग मोमेंट ( BM ) आरेख, एक cubic curve होता है।
बेन्डिंग मोमेंट डायग्राम ( bending moment diagram ) को चित्र ( c ) में दिखाया गया है।
Loading of a couple
एक बल युग्म का लदान
चित्र में दिखाए गए एक simply supported beam ( AB ) पर विचार करें जिसकी लम्बाई ( l ) है और बिंदु ( C ) पर एक anti-clockwise couple ( \mu ) से लादा गया है।
बल युग्म ( \mu ) की प्रवृत्ति, support B पर बीम को उठाना है और support A पर बीम को दबाना है। इसलिए reaction ( R_A ) ऊपर और reaction ( R_B ) नींचे कि ओर लगती है।
STEP – 1 ( Find end reactions )
प्रतिक्रिया ( R_A ) और ( R_B ) का A बिंदु पर moment लेने पर –
R_B \times l = \mu
अर्थात, \quad R_B = \left ( \frac {\mu}{l} \right ) ( यह नींचे कि दिशा ↓ में लगता है। )
फिर, ( R_A + R_B ) = \mu
अतः \quad R_A = \left ( \frac {\mu}{l} \right ) ( यह ऊपर कि दिशा ↑ में लगता है। )
STEP – 2 ( Draw SF diagram )
- प्रतिक्रिया ( R_A ) ऊपर और ( R_B ) नींचे कि ओर लगता है।
- बिंदु ( A ) और ( B ) के बीच कोई अन्य बल मौजूद नहीं है।
- प्रतिक्रियाओं का प्रभाव बीम को दक्षिणावर्त दिशा में घूमने कि प्रवृति रखता है।
- इसलिए, SF आरेख, positive दिशा में एक rectangle होता है और इसकी भुजा \left ( + \frac {\mu}{l} \right ) है।
STEP – 3 ( Draw BM diagram )
बिंदु A पर moment लेने पर –
- बिंदु A पर बेन्डिंग मोमेंट होगा –
M_A = R_A \times 0 = 0 ( क्योंकि दूरी शुन्य है। )
- बिंदु C के तुरंत बाईं ओर पर बेन्डिंग मोमेंट होगा –
M_{C ( left )} = R_A \times a
= \left ( \frac {\mu}{l} \right ) \times a
= \left ( \frac {\mu a}{l} \right )
- बिंदु C के तुरंत दाईं ओर बेन्डिंग मोमेंट होगा –
M_{C ( right )} = R_A \times a - \mu
= \left ( \frac {\mu}{l} \right ) \times a - \mu
= \mu \frac {\left ( a - l \right )}{l}
= - \frac {\mu b}{l}
- बिंदु B पर बेन्डिंग मोमेंट होगा –
M_B = \left ( R_A \times l \right ) - \mu
= \left ( \frac {\mu}{l} \times l \right ) - \mu = 0
SF और BM आरेखों को चित्र में दिखाया गया है।
Loading on a bracket
एक ब्रैकेट पर लदाई
कभी-कभी एक लोड को ( L ) आकार के ब्रैकेट पर लगाया जाता है।
चित्र में दिखाए गए एक बीम पर विचार करें जिसमें ( l ) लंबाई के ब्रैकेट पर एक ( W ) मान का point load लादा गया है। इस प्रकार के लदान में लोड का दोहरा प्रभाव पड़ता है –
- यह बीम के साथ ब्रैकेट के लगाव बिंदु C पर ( W ) परिमाण के point load का प्रभाव डालता है।
- बिंदु C पर यह घनात्मक बल युग्म ( couple ) उत्पन्न करता है जिसका मान ( W \times l = Wl ) होता है।
इन पॉइंट लोड और बल युग्म के प्रभावों को, बीम के अन्य समतुल्य लोड के साथ अलग-अलग हल किया जाता है।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –