What is energy in Simple Harmonic Motion
सरल आवर्तीय गति में ऊर्जा
एक सरल आवर्तीय गति ऊर्जा ( energy in simple harmonic motion ) के दो भाग होते हैं –
- गतिज ऊर्जा ( Kinetic energy )।
- स्थितिज ऊर्जा ( Potential energy )।
Kinetic energy in Simple Harmonic Motion
सरल आवर्तीय में गतिज ऊर्जा
सरल आवर्तीय गति में किसी कण का वेग इस प्रकार होता है –
v = - \omega A \sin ( \omega t + \phi _ { 0 } )
इसलिए, किसी स्थिति पर कण की गतिज ऊर्जा होगी –
K = \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) m v ^ 2
= \left ( \frac {1}{2} \right ) m [ - \omega A \sin ( \omega t + \phi _ { 0 } ) ]^2
= \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) m \omega ^ 2 A ^ 2 \sin ^ 2 ( \omega t + \phi _ { 0 } ) …….. (1)
परन्तु, \quad A ^ 2 \sin ^ 2 ( \omega t + \phi _ { 0 } ) = ( A ^ 2 - x ^ 2 )
इसलिए, समीकरण (1) से हम पाते हैं कि –
K = \left ( \frac {1}{2} \right ) m \omega^2 ( A ^ 2 - x ^ 2 )
सरल आवर्तीय गति में प्रत्यावर्तन बल या बल नियतांक ( restoring force or force constant ) से –
\omega ^2 = \left ( \frac { k }{ m } \right )
या, \quad K = \left ( \frac {1}{2} \right ) k ( A ^ 2 - x ^ 2 )
इसलिए, सरल आवर्तीय गति में कण की गतिज ऊर्जा में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं –
- गतिज ऊर्जा ( kinetic energy ) का परिवर्तन आवधिक ( periodic ) होता है परन्तु यह एक सरल आवर्तीय गति नहीं है।
- गतिज ऊर्जा, अपने न्यूनतम मान ( चरम स्थिति पर ) से अधिकतम मान ( माध्य स्थिति पर ) तक बदलता है। आवर्तीय गति के एक पूर्ण चक्र में यह दो बार होता है।
- इसलिए, सरल आवर्तीय गति के एक चक्र की अवधि में गतिज ऊर्जा का वक्र अपना दो चक्र पूरा करता है।
Potential energy in Simple Harmonic Motion
सरल आवर्तीय गति में स्थितिज ऊर्जा
सरल आवर्तीय गति में एक कण का प्रत्यावर्तन बल ( restoring force ) होता है –
F = - k x
मान लें कि कण को ( dx ) दुरी के लिए विस्थापित कर दिया जाता है।
तब, प्रत्यावर्तन बल के विरुद्ध किया गया कार्य होगा –
d W = - F d x = (+ k x ) d x
इसलिए, कण के माध्य बिंदु ( mean position ) से ( x ) विस्थापन ( displacement ) में किया गया कुल कार्य होगा –
W = \int d W = \int\limits _ { 0 }^{ x } (+ k x) d x
= k \left [ \frac { x ^ 2 }{ 2 } \right ] _ { 0 }^{ x } = \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k x ^ 2
कुल कार्य का यह मान, कण में उसकी स्थितिज ऊर्जा ( potential energy ) के रूप में संचित होती है।
अतः \quad U = \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k x ^ 2
= \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) m \omega ^ 2 x ^ 2
= \frac { 1 }{ 2 } m \omega ^ 2 A ^ 2 \cos ^ 2 \left ( \omega t + \phi _ { 0 } \right )
इसलिए, सरल आवर्तीय गति में कण की स्थितिज ऊर्जा में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं –
- स्थितिज ऊर्जा ( potential energy ) का परिवर्तन आवधिक ( periodic ) होता है परन्तु यह एक सरल आवर्तीय गति नहीं होता है।
- कण के स्थितिज ऊर्जा का न्यूनतम मान ( माध्य स्थिति पर ) से अधिकतम मान ( चरम स्थिति पर ) तक बदलता है। आवर्तीय गति के एक पूर्ण चक्र में यह दो बार होता है।
- इसलिए, सरल आवर्तीय गति के एक चक्र की अवधि में स्थितिज ऊर्जा का वक्र अपना दो चक्र पूरा करता है।
Total energy in Simple Harmonic Motion
सरल आवर्तीय गति में कुल ऊर्जा
किसी स्थिति पर सरल आवर्तीय गति करने वाले कण की कुल ऊर्जा होती है –
E = ( K + U )
= \left [ \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k ( A ^ 2 - x ^ 2 ) + \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k x ^ 2 \right ]
= \left ( \frac {1}{2} \right ) k A^2
= \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) m \omega ^ 2 A ^ 2
= \left ( \frac {1}{2} \right ) m \left ( \frac {2 \pi}{T} \right )^2 A^2
= 2 \pi ^ 2 m \nu ^ 2 A ^ 2
क्योंकि \quad \left [ \left ( \frac {1}{T} \right ) = \nu \right ]
इसलिए, सरल आवर्तीय गति में –
- कुल यांत्रिक ऊर्जा ( mechanical energy ), कण के द्रब्यमान ( m ) का समानुपाती होता है।
- यह सरल आवर्तीय गति की आवृत्ति ( frequency ) ( \nu ) के अनुपातिक होता है।
- कुल ऊर्जा, आयाम ( amplitude ) के वर्ग के समानुपाती होता है।
- कुल ऊर्जा, समय ( t ) और विस्थापन ( displacement ) ( x ) के मान से मुक्त होता है।
निम्न सारणी में कण की विभिन्न स्थितियों पर, गतिज ऊर्जा ( K ) और स्थितिज ऊर्जा ( U ) को बताया गया है।
विस्थापन ( x ) | ( x = - A ) | ( x = 0 ) | ( x = + A ) |
गतिज ऊर्जा ( K ) | 0 | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 | 0 |
स्थितिज ऊर्जा ( U ) | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 | 0 | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 |
कुल ऊर्जा ( E ) | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 | \left ( \frac { 1 }{ 2 } \right ) k A ^ 2 |
ऊर्जा के लिए संलग्न चित्र से स्पष्ट होता है कि –
- विस्थापन ( displacement ) की स्थिति ( x ) को अक्ष के साथ गतिज ऊर्जा ( K ) और स्थितिज ऊर्जा ( U ) के लिए ग्राफ पैराबोलिक वक्र ( parabolic curve ) होता है। परन्तु, कुल ऊर्जा वक्र, विस्थापन अक्ष के समानांतर एक सीधी रेखा होती है।
- गतिज ऊर्जा ( K ) और स्थितिज ऊर्जा ( U ) दोनों समय के साथ आवधिक ( periodic ) होता है और इनका अवधि काल \left ( \frac {T}{2} \right ) होता है।
- माध्य स्थिति \left ( x = 0 \right ) पर स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है और कुल ऊर्जा गतिज ऊर्जा होती है।
- चरम स्थिति \left ( x = \pm A \right ) पर गतिज ऊर्जा शून्य होती है और कुल ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा होती है।
- आवर्त गति के प्रत्येक चक्र में गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा दोनों अपने अधिकतम मूल्यों को दो बार दोहराते हैं।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –