What is Maximum Efficiency of a Machine?
किसी मशीन की अधिकतम दक्षता क्या है?
किसी मशीन ( machine ) की अधिकतम दक्षता ( maximum efficiency ) को, मशीन के द्वारा किये गए कार्य ( output work ) और मशीन पर किए गए न्यूनतम कार्य ( minimum input work ) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।
इसलिए, \quad \text {मशीन की अधिकतम दक्षता} = \left ( \frac{\text {आउटपुट कार्य }}{\text {न्यूनतम इनपुट कार्य}} \right )
किसी मशीन की दक्षता को, मशीन के द्वारा प्राप्त यांत्रिक लाभ ( Mechanical Advantage )और मशीन के वेलॉसिटी रेसिओ ( Velocity Ratio ) के अनुपात के रूप में भी परिभाषित किया जाता है।
इसलिए, मशीन की दक्षता \quad \eta = \left ( \frac{\text {यांत्रिक लाभ}}{\text {वेलोसिटी रेसिओ}} \right )
या, \quad \eta = \left ( \frac{\text {MA}}{\text {VR}} \right )
अतः किसी मशीन के अधिकतम दक्षता ( Maximum efficiency ) तब प्राप्त होती है, जब –
- आउटपुट कार्य का मान अधिकतम होगा या इनपुट कार्य का मान न्यूनतम होगा।
- यांत्रिक लाभ ( mechanical advantage ) का मान अधिकतम होगा या वेलॉसिटी रेसिओ ( velocity ratio ) का मान न्यूनतम होगा।
यहाँ हम मशीन के द्वारा अधिकतम दक्षता ( maximum efficiency ) प्राप्त करने की संभावनाओं पर व्याख्या करेंगे।
Mechanical advantage
यान्त्रिक लाभ
किसी मशीन के आउटपुट में उठाए गए लोड ( Load ) और इनपुट पर लगाए प्रयास ( Effort ) के अनुपात को यांत्रिक लाभ के नाम से जाना जाता है।
अतः यांत्रिक लाभ \quad MA = \left ( \frac{\text {लोड}}{\text {प्रयास}} \right )
किसी मशीन का उपयोग उसके द्वारा अधिक मात्रा में यांत्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। अतः किसी मशीन का यांत्रिक लाभ सर्वदा 1 से अधिक होता है। इसका तात्पर्य यह है की –
\quad \text {लोड} \ > \ \text {प्रयास}
जब कोई मशीन कार्य करती है तब, प्रयास बिंदु ( effort point ) और लोड बिंदु ( load point ) दोनों ही समय के साथ गति करते हैं। लोड बिंदु द्वारा तय की गयी दूरी, प्रयास बिंदु द्वारा तय की गयी दूरी से कम होती है। लोड बिंदु द्वारा तय की गयी दुरी में कमी की भरपाई, बढे हुए आउटपुट कार्य के रूप में प्राप्त होता है।
अतः, आउटपुट लोड की बढ़ी हुई मात्रा, उसके द्वारा तय की गई दूरी में आनुपातिक कमी की कीमत पर उत्पन्न होती है।
Mechanical advantage & velocity ratio
यांत्रिक लाभ और वेलॉसिटी रेसिओ
एक सरल मशीन के यांत्रिक लाभ और वेलॉसिटी रेसिओ के बीच के अंतर को समझने के लिए, चित्र में दिखाए एक सीधे उत्तोलक ( straight lever ) का उदाहरण लेते हैं। इसमें एक सीधी छड़ के द्वारा एक भारी लोड को अपनी स्थिति से ऊपर उठाया जा रहा है।
मान लें कि, उत्तोलक ( lever ) में प्रयास बल ( P ) लगाया जाता है और प्रयास बिंदु A , नींचे की ओर ( x ) दूरी तय करता है। साथ ही, लोड बिंदु B पर लोड ( W ) , ऊपर कि ओर ( y ) दूरी उठाया जाता है।
परिभाषा के अनुसार, \quad \text {Work done} = \text {Force} \times \text {Displacement}
इसलिए, मशीन में इनपुट कार्य ( P \times x ) होगा और आउटपुट कार्य ( W \times y ) होगा।
आदर्श मशीन के लिए friction नगण्य होता है। इसलिए, ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत ( conservation of energy ) के अनुसार –
\text {इनपुट कार्य} = \text {आउटपुट कार्य}
अतः \quad P \times x = W \times y
या, \quad \left ( \frac { W }{ P } \right ) = \left ( \frac { x }{ y } \right )
परन्तु पद \left ( \frac { W }{ P } \right ) , लोड और प्रयास का अनुपात होने के कारण मशीन का यांत्रिक लाभ ( Mechanical advantage ) कहलाता है। साथ ही, पद \left ( \frac { x }{ y } \right ) , प्रयास द्वारा तय कि गयी दूरी और लोड के द्वारा तय कि गयी दूरी का अनुपात होने के कारण मशीन का वेलॉसिटी रेसिओ ( velocity ratio ) कहलाता है।
अतः किसी आदर्श मशीन का यांत्रिक लाभ और वेलॉसिटी रेसिओ बराबर होते हैं।
\text {यांत्रिक लाभ} = \text {वेलॉसिटी रेसिओ}
परन्तु, वास्तविक परिस्थितियों में सभी मशीनों में घर्षण होता है और इस घर्षण पर काबू पाने में इनपुट कार्य का कुछ अंश नष्ट हो जाता है। इसलिए, वास्तविक मशीनों के लिए, आउटपुट कार्य हमेशा इनपुट कार्य से कम होता है।
अर्थात \quad P \times x > W \times y
अतः \quad \left ( \frac { W }{ P } \right ) < \left ( \frac { x }{ y } \right )
अतः किसी वास्तविक मशीन का यांत्रिक लाभ, वेलॉसिटी रेसिओ से कम होता है।
\text {यांत्रिक लाभ} < \text {वेलॉसिटी रेसिओ}
Maximum Mechanical Advantage
अधिकतम यांत्रिक लाभ
किसी मशीन का यांत्रिक लाभ इस प्रकार होता है –
MA = \left ( \frac{ W }{ P_{Actual}} \right )
चित्र में दिखाए गए, एक मशीन के भार और वास्तविक प्रयास ( load-actual effort ) के आलेख पर विचार करें।
इस आलेख से हमें मशीन के नियम ( Law of machine ) कि अभिवयक्ति प्राप्त होती है जो इस प्रकार है –
\quad P_{Actual} = m W + C
अतः \quad MA = \left ( \frac { W }{ m W + C } \right ) = \left [ \frac { 1 }{ \left (m + \frac { C }{ W } \right )} \right ]
इस समीकरण में पद C , मशीन में घर्षण का प्रभाव को दर्शाता है और m आलेख का ढलान ( slope ) होता है।
यदि लोड ( W ) का मान बहुत बड़ा होगा, तब अनुपात \left ( \frac{ C }{ W } \right ) का मान बहुत छोटा होगा और उसे उपेक्षित ( neglect ) किया जा सकता है।
अतः \quad MA = \left [ \frac { 1 }{ \left (m + \frac { C }{ W } \right )} \right ] = \left ( \frac {1}{m} \right )
इसलिए, लोड का मान अत्यधिक बढ़ जाने पर, पद \left ( \frac{ C }{ W } \right ) का मान नगण्य हो जाता है और यांत्रिक लाभ ( mechanical advantage ) का मान उच्चतम स्तर के मान \left ( \frac { 1 }{ m } \right ) पर पहुँचता है।
अतः अधिकतम यांत्रिक लाभ ( Maximum Mechanical Advantage ) इस प्रकार से होगा –
MA_{max} = \left ( \frac { 1 }{ m } \right )
= \left ( \frac { 1 }{ \text { आलेख का ढलान } } \right )
Maximum Efficiency
अधिकतम दक्षता
किसी मशीन के अधिकतम दक्षता ( Maximum Efficiency ) को, उस मशीन के अधिकतम यांत्रिक लाभ के मान और वेलॉसिटी रेसिओ के संगत मान के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।
अतः \quad \eta _ {max} = \left ( \frac { MA_{max}}{ VR } \right )
= \left ( \frac { 1 }{ m } \right ) \times \left ( \frac { 1 }{ VR } \right ) = \left ( \frac { 1 }{ m \ VR } \right )
हम यह भी जानते है कि –
दक्षता \quad \eta = \left ( \frac{\text {यांत्रिक लाभ}}{\text {वेलॉसिटी रेसिओ}} \right )
एक आदर्श मशीन के लिए घर्षण शुन्य होता है। इस वजह से –
\text {यांत्रिक लाभ} = \text {वेलॉसिटी रेसिओ}
अर्थात, एक आदर्श मशीन की अधिकतम दक्षता ( 1 ) होगी।
इस प्रकार हम पाते है कि, \quad \eta _ {max} = \left ( \frac { 1 }{ m \ VR } \right ) = 1
या, \quad m \ VR = 1
या, \quad m = \left ( \frac {1}{VR} \right ) = \left ( \frac { y }{ x } \right )