Deflection of Beams

What is Deflection of beams?

बीम का विक्षेपण किसे कहते हैं?

जब किसी बीम या अन्य संरचनात्मक सदश्य को इस प्रकार लोड किया जाता है जिससे बेन्डिंग मोमेंट ( bending moment ) का प्रभाव पड़ता हो तब उत्पन्न  बेन्डिंग प्रतिबल ( bending stress ) के प्रभाव से बीम का अंश अपने प्रारंभिक स्थान ( original position ) से विस्थापित होकर नींचे झुक जाता है। बीम के इस प्रकार झुकने की स्थिति को बीम का विक्षेपण  ( deflection ) कहते हैं।

अतः विक्षेपण ( deflection ), किसी बीम या अन्य संरचनात्मक सदश्य के लदान के कारण अपनी प्रारंभिक स्थिति ( original position ) से विस्थापन ( displacement ) के माप को संदर्भित करता है।

  • उपयोग के दौरान किसी बीम में, बेन्डिंग मोमेंट ( bending moment ) और बेन्डिंग प्रतिबल ( bending stress ) ही उनकी विफलता के मूल कारण होते हैं। परन्तु बीम के खंड ( section ) में अन्य प्रकार के प्रतिबल ( stress ) भी विकसित होते हैं जिन्हें ध्यान में रखा जाना आवश्यक हो जाता है।

इसलिए, बीम खंड ( section ) की डिजाइनिंग में निम्नलिखित रणनीतियां शामिल होती हैं –

  1. बीम डिजाइनिंग में विचारित तथ्य। ( Considerations )
  2. बीम डिजाइनिंग में मान्यताएँ। ( Assumptions )

इनका विवरण इस प्रकार से हैं –

Consideration in designing of beams

बीम डिजाइनिंग में विचारित

बीम की डिजाइनिंग, दो मुख्य मानदंडों पर आधारित होती है। ये हैं –

  1. बीम की शक्ति ( Strength of beam ) – बीम को पर्याप्त रूप से मजबूत होना चाहिए ताकि वह बेन्डिंग मोमेंट ( bending moments ) और अपरूपण बल ( shear forces ) के कारण विकसित तनावों का विरोध करने में सक्षम हो। यह शक्ति (1) बीम के पदार्थ का लोचक मापांक ( Modulus of elasticity ) ( E ) और (2) बीम के खंड का जड़त्व आघूर्ण ( moment of inertia ) ( I ) के गुणनफल पर निर्भर होता है।
  2. बीम की कठोरता ( Stiffness of beam ) – बीम को पर्याप्त रूप से कठोर ( stiff ) होना चाहिए ताकि वह विक्षेपण ( deflection ) और स्थाई विरूपण ( permanent deformation ) का विरोध करने में सक्षम हो। कठोरता से, बीम में उत्पन्न ढलान ( slope ) ( i ) और विक्षेपण ( deflection ) ( y ) की माप का पता चलता है।

Assumptions in designing of beams

बीम डिजाइनिंग में अनुमानित

बीम की डिजाइनिंग, दो मुख्या मान्यताओं पर आधारित होती है। ये हैं –

  1. अपरूपण प्रतिबल का प्रभाव ( Effect of shear stress ) – बीम की डिजाइनिंग के दौरान अपरूपण प्रतिबल ( shear stress ) के प्रभाव को नगण्य माना जाता है। वास्तव में, सभी पदार्थों का अपना द्रव्यमान और वजन होता है जिसे स्व-भार कहा जाता है। यह भार बीम खंड में अपरूपण बल ( shear force ) और अपरूपण प्रतिबल ( shear stress ) उत्पन्न करता है। परन्तु, इस अपरूपण प्रतिबल का प्रभाव, बेन्डिंग स्ट्रेस की तुलना में बहुत कम होता है। इसलिए, गणना को आसान बनाने के लिए अपरूपण प्रतिबल की उपेक्षा ( neglect ) की जाती है।
  2. मुड़ने का वक्र ( Curve of bending ) – बीम की डिजाइनिंग के दौरान यह मान लिया जाता है कि, बीम एक वृत्तीय चाप में मुड़ता है। पर यह सच नहीं है। सिर्फ कुछ विशेष परिस्थितियों में ही यह सच होता है जैसे – (1) जब बीम एक समान क्रॉस सेक्शन का हो (2) जब बीम एक बराबर शक्ति ( uniform strength ) वाला हो (3) बीम एक स्थिर बेन्डिंग मोमेंट ( constant bending moment ) के साथ लदा हो।

गौर करें –

एक समान अनुप्रस्थ काट या एक समान शक्ति वाले बीम की डिजाइनिंग संभव होती है। परन्तु एक भारहीन बीम का निर्माण करना संभव नहीं होता है। इसलिए, बीम के खुद के भार के कारण, किसी बीम को स्थिर बेन्डिंग मोमेंट ( constant bending moment ) के साथ लोड करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं होता है।


Deflection equation

विक्षेपण का समीकरण

एक बीम ( AB ) पर विचार करें जो बेन्डिंग मोमेंट ( bending moment ) ( M ) के प्रभाव में है। इस मोमेंट के कारण, बीम अपनी प्रारंभिक स्थिति, सीधी रेखा ( ACB ) से हटकर, एक वृत्ताकार चाप ( ADB ) में विकृत ( deform ) हो जाता है।

बीम के मुड़ने की स्थिति को दिखाए गए चित्र में विचार करें।

EQUATION FOR DEFLECTION IN BEAM
100801 EQUATION FOR DEFLECTION IN BEAM

मान लें कि –

  • बीम की लंबाई AB = ( l ) है।
  • बेन्डिंग मोमेंट ( M ) है।
  • वक्रता की त्रिज्या OA = OB = ( R ) है।
  • बीम खंड का जड़त्व आघूर्ण ( I ) है।
  • बीम पदार्थ की लोच मापांक ( Modulus of elasticity ) ( E ) है।
  • बीम का deflection CD = ( y ) है।
  • बीम का slope ( i ) है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।

चित्र कि ज्यामिति से हमें पता चलता है कि –

OB^2 = ( OC^2 + BC^2 ) ………. (1)

परन्तु \quad OB = ( R ), \quad OC = \left ( OD - CD \right ) = ( R - y )

और \quad BC = \left ( \frac {AB}{2} \right ) = \left ( \frac {l}{2} \right ) .

अतः समीकरण (1) से हम पाते हैं कि –

R^2 = \left [ \left ( R - y \right )^2 + \left ( \frac {l}{2} \right )^2 \right ]

= \left [ R^2 - 2Ry + y^2 + \left ( \frac {l^2}{4} \right ) \right ]

चूँकि, बीम का विक्षेपण ( y ) बहुत छोटा होता है, इसलिए ( y^2 ) भी बहुत छोटा होगा और इसे उपेक्षित किया जा सकता है।

अतः \quad R^2 = \left [ R^2 - 2Ry + \left ( \frac {l^2}{4} \right ) \right ]

या, \quad y = \left ( \frac {l^2}{8R} \right )

या, \quad R = \left ( \frac {l^2}{8y} \right ) ………. (2)

बेन्डिंग स्ट्रेस समीकरण ( Bending stress equation ) से हम जानते हैं कि –

\left ( \frac {M}{I} \right ) = \left ( \frac {E}{R} \right )

या, \quad R = \left ( \frac {EI}{M} \right ) ……… (3)

समीकरण (2) और (3) में, ( R ) को विस्थापित करने पर हम पाते हैं –

\quad \left ( \frac {EI}{M} \right ) = \left ( \frac {l^2}{8y} \right )

या, \quad y = \left [ \frac {l^2}{8 \times \frac {EI}{M}} \right ] = \left ( \frac {Ml^2}{8EI} \right )

= \left ( \frac {Ml^2}{8EI} \right ) …….. (4)

इस समीकरण को बीम का विक्षेपण समीकरण ( deflection equation ) कहा जाता है।

इस संबंध से, सिम्पली सपोर्टेड बीम ( simply supported beam ) के मध्य में अधिकतम विक्षेपण ( maximum deflection ) ( y ) के परिमाण का पता चलता है।


Slope equation

ढलान का समीकरण

उपरोक्त चित्र की ज्यामिति से हमें पता चलता है –

\sin i = \left ( \frac {AC}{OA} \right ) = \left ( \frac {\frac {l}{2}}{R} \right )

= \left ( \frac {l}{2R} \right ) ……… (5)

समीकरण (3) से हम पाते हैं कि –

R = \left ( \frac {EI}{M} \right ) …….. (3)

समीकरण (5) में ( R ) का मान रखने पर –

\sin i = \left [ \frac {l}{2 \times \left ( \frac {EI}{M} \right )} \right ]

= \left ( \frac {Ml}{2EI} \right )

चूँकि, बीम के मुड़ने का परिमाण बहुत कम होता है, अतः रेडियन में कोण ( i ) का मान भी कम होगा।

इसलिए \left ( \sin i = i \right ) ( रेडियन में )

अतः \quad i = \left ( \frac {Ml}{2EI} \right ) …….. (5)

इस समीकरण को, बीम का ढलान समीकरण ( slope equation ) कहा जाता है।

इस संबंध से, सिम्पली सपोर्टेड बीम के सिरे A और B पर अधिकतम ढलान ( maximum slope ) ( i ) के परिमाण का पता चलता है।

हम, निम्नलिखित संख्यात्मक समस्याओं का हल कर, बीम की ढलान और विक्षेपण को ज्ञात करने की दोहरी एकीकरण विधि के अनुप्रयोग की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानेंगे।


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –