Types of Frictional Force

What is called Frictional Force?

घर्षण बल क्या होता है?

घर्षण एक प्राकृतिक घटना है जो किसी ठोस वस्तु के किसी अन्य ठोस सतह अथवा तरल या गैसीय वातावरण में गति को रोकता है। घर्षण के द्वारा उत्पन्न बल को घर्षण बल  ( Frictional force ) कहा जाता है।

अतः, जब एक ठोस वस्तु को किसी अन्य ठोस सतह या तरल या गैसीय वातावरण में गति करता है या गति करने की कोशिश करता है तो उस वस्तु की गति की दिशा के विपरीत दिशा में एक बल ( force ) लगाया जाता है।

Types of frictional force

घर्षण बल के प्रकार

घर्षण को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –

  1. रूखा घर्षण ( Dry friction ) या कठोर घर्षण ( Solid friction ) – यह घर्षण बल ( frictional force ) दो ठोस वस्तुओं के सतह के आपसी संस्पर्श में आने से होता है। यह दो प्रकार का होता है –
    1. जब एक ठोस वस्तु स्थिर अवस्था में होती है तो इसपर दो प्रकार के घर्षण बल ( frictional force ) लग सकते हैं।
      1. स्थैतिक घर्षण ( Static friction )।
      2. लिमिटिंग घर्षण ( Limiting friction )।
    2. जब एक ठोस वस्तु गति की अवस्था में होती है तो इसपर लगते हुए घर्षण को गत्यात्मक घर्षण ( dynamic friction ) या गतिज घर्षण ( kinetic friction ) कहते हैं। यह दो प्रकार का हो सकता है।
      1. स्लाइडिंग घर्षण ( sliding friction )।
      2. रोलिंग घर्षण ( Rolling friction )।
  2. तरल घर्षण ( Fluid friction ) – यह तरल पदार्थ के परतों में लगता हुआ घर्षण बल ( frictional force ) होता है।
  3. स्किन घर्षण ( Skin friction ) – जब किसी ठोस वस्तु को किसी तरल पदार्थ के वातावरण में खिंचा जाता है तो उसपर लगते हुए घर्षण को स्किन घर्षण कहते हैं।
  4. आतंरिक घर्षण ( Internal friction ) – जब किसी ठोस वस्तु में विरूपण ( deformation ) होता है तो उसके अणुओ के बीच घर्षण पैदा होता है। इसे आतंरिक घर्षण कहते हैं।

विभिन्न प्रकार के घर्षण को निम्न चित्रात्मक तरीके से प्रदर्शित किया जा सकता है।

DIFFERENT TYPES OF FRICTIONS
021301 DIFFERENT TYPES OF FRICTIONS

1. Dry friction or solid friction

रूखा घर्षण या कठोर घर्षण

संस्पर्श में रहे दो ठोस सतहों के बीच लगते हुए घर्षण बल को रुखा घर्षण या कठोर घर्षण कहते हैं।

यह हमारे दैनिक जीवन में सबसे अधिक अनुभवित घर्षण होता है। वस्तु की स्थिर अवस्था या गति के आधार पर इसे पुनः वर्गीकृत किया जा सकता है –

A. जब एक ठोस वस्तु स्थिर अवस्था में होती है तो इसपर दो प्रकार के घर्षण बल लग सकते हैं।

  1. स्थैतिक घर्षण
  2. लिमिटिंग घर्षण

(i) Static friction

STATIC FRICTION
021302 STATIC FRICTION

स्थैतिक घर्षण

एक वस्तु पर विचार करें जिसका भार ( weight ) ( W ) है और एक क्षैतिज खुरदरे तल AB पर स्थित है। वस्तु को स्थानांतरित करने के लिए एक खिंचाव बल ( P ) लगाया जाता है।

मान लें कि, प्रारम्भ में खिंचाव बल ( P ) इतना कम होता है कि वह गति में नहीं आता है। इस स्थिति में वस्तु को स्थिर संतुलन ( static equilibrium ) में कहा जाता है। लगाए गए बल ( P ) का प्रभाव, वस्तु और सतह के बीच उत्पन्न घर्षण बल ( f ) के दवाई निष्क्रिय होता है, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।

चूंकि वस्तु स्थिर संतुलन में होता है, इसलिए विकसित घर्षण बल ( f ) को स्थैतिक घर्षण ( Static friction ) कहा जाता है।

अब विचार करें कि, लगाए गए बल ( P ) को थोड़ा थोड़ा करके बढ़ाया जाता है परन्तु फिर भी वस्तु गति में नहीं आती है। इस अवस्था में भी उत्पन्न घर्षण बल ( f ) बढ़ाये गए बल ( P ) के बराबर होकर संतुलित होता रहता है।

इस तरह, अगर हम बल ( P ) को बढ़ाते चले जाते हैं, तो उत्पन्न घर्षण बल ( f ) भी बढ़ता जाता है और वस्तु में गति होने का विरोध करता है।

इसका अर्थ यह है कि, किसी वस्तु पर स्थैतिक घर्षण बल का परिमाण उस वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर होता है।

अतः स्थैतिक घर्षण का परिमाण = वस्तु को स्थिर अवस्था से गति में लेन के लिए लगाए गए बल का परिमाण।

(ii) Limiting friction

लिमिटिंग घर्षण

बल ( P ) को बढ़ाते बढ़ाते एक स्थिति ऐसी आती है कि बल कि मात्रा ( P_{limit} ) होती है और वस्तु गति करने को तत्पर हो जाता है। इस स्थिति में विकसित घर्षण बल ( f_{limit} ) , स्थैतिक घर्षण का अधिकतम मान होता है। स्थैतिक घर्षण के इस मान को लिमिटिंग घर्षण ( limiting friction ) कहते हैं।

अतः लिमिटिंग घर्षण = दो सतहों के बीच, स्थैतिक घर्षण का अधिकतम संभावित मान।

B. जब एक ठोस वस्तु गति में होती है तो इस पर गत्यात्मक घर्षण या गतिज घर्षण लगता है।

Kinetic friction

गतिज घर्षण

अब यदि खिंचाव बल को ( P_{limit} ) के मान से थोड़ा और बढ़ा दिया जाता है तो वस्तु सतह पर फिसलने लगती है। इस अवस्था में वस्तु पर लगने वाले घर्षण की मात्रा को गत्यात्मक घर्षण ( dynamic friction ) या गतिज घर्षण ( kinetic friction ) कहा जाता है।

अब बढ़े हुए बल ( P' ) के प्रभाव से वस्तु गति में आ जाती है। यह बल ( P_{limit} ) से क्षणमात्र ही अधिक होता है। अब, यदि बल ( P' ) को कम करके पुनः ( P_{limit} ) या उससे थोड़ा कम कर दिया जाता है तो वस्तु को स्थिरावस्था में आ जाना चाहिए था। परन्तु ऐसा नहीं होता है। यह देखा जाता है कि वस्तु अभी भी गति में ही रहती है जबकि अब उसपर लगते हुए बल का मान ( P_{limit} ) के मान से काफी कम कर दिया जाता है।

इसका तात्पर्य यह है कि, जब कोई वस्तु गति की स्थिति में होता है तो उस पर घर्षण का मान, वस्तु के स्थैतिक घर्षण या लिमिटिंग घर्षण की तुलना में कम होता है।

अतः गतिज घर्षण हमेशा संस्पर्श में रहे सतहों के बीच के लिमिटिंग घर्षण या अधिकतम स्थिर घर्षण से कम होता है।

गतिज घर्षण को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है –

(i) Sliding Friction –

स्लाइडिंग घर्षण

जब कोई वस्तु किसी सतह पर स्लाइड करता है या फिसलता है तब उनके बीच स्लाइडिंग घर्षण काम करता है।

(ii) Rolling Friction –

रोलिंग घर्षण

जब कोई वस्तु किसी सतह पर लुढ़कता है तब उनके बीच रोलिंग घर्षण काम करता है।

साधारणतः एक जोड़े संस्पर्शीय सतहों के बीच रोलिंग घर्षण उनके बीच के स्लाइडिंग घर्षण के मान से कम होता है। यही कारण है की एक लकड़ी के लॉग को स्थानांतरित करने के लिए, इसे सतह पर खींचने की तुलना में रोल करना हमेशा आसान होता है।

2. Fluid friction

तरल घर्षण

द्रव की विभिन्न परतों के प्रवाह में विकसित होने वाले घर्षण को तरल घर्षण कहते हैं।

जैसे-जैसे द्रव का श्यानतांक ( viscosity ) बढ़ता है, द्रव का घर्षण भी बढ़ता है।

3. Skin friction

स्किन घर्षण

जब किसी ठोस वस्तु को किसी द्रव या गैस के वातावरण में खींचा जा रहा होता है तो उस वस्तु में उत्पन्न घर्षण को स्किन घर्षण कहते हैं।

हाइड्रोप्लेन, नाव, पनडुब्बी, हवाई विमानों आदि के आवागमन में इस प्रकार के घर्षण का अनुभव होता है।

4. Internal friction

आतंरिक घर्षण

किसी भार के कारण जब एक ठोस वस्तु विरूपण ( deformation ) से गुजरता है, तो आणविक घर्षण उत्पन्न होता है जो विरूपण का विरोध करता है। इसे आंतरिक घर्षण कहते हैं।


Comparing different frictional forces

विभिन्न घर्षण बालों की तुलना

मान लीजिए कि एक सतह पर एक वस्तु स्थिरावस्था में है। इसे स्थानांतरित करने के लिए एक बल लगाया जाता है। वस्तु के स्थिरावस्था से लेकर गति की अवस्था में आने पर विभिन्न प्रकार के घर्षण बल वस्तु पर कार्य करते हैं।

वस्तु पर लग रहे विभिन्न प्रकार के घर्षण बलों को चित्र में दर्शाया गया है –

COMPARING DIFFERENT FRICTIONS
021303 COMPARING DIFFERENT FRICTIONS

निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए –

  1. स्थैतिक घर्षण और लिमिटिंग घर्षण बल वस्तु के स्थिर अवस्था में लगते हैं।
  2. लिमिटिंग घर्षण, स्थैतिक घर्षण का उच्चतम संभावित मान होता है।
  3. रोलिंग घर्षण और स्लाइडिंग घर्षण वस्तु में गति होने पर कार्य करते हैं। इन्हें गत्यात्मक घर्षण भी कहा जाता है।

इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –