What is Parallelogram law of Forces?
बलों के समानांतर चतुर्भुज का नियम क्या है?
बलों का संयोजन ( addition ) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी वस्तु या बिंदु पर लगने वाले एकाधिक बलों के प्रभाव को एक ही बल के प्रभाव में व्यक्त करने के लिए जोड़ा जाता है। बल जोड़ने की सभी विधियों में सामानांतर चतर्भुज का नियम ( parallelogram law of forces ) सबसे सुविधाजनक प्रक्रिया होता है। संयोजन के उपरांत प्राप्त एकल बल को परिणामी बल ( Resultant force ) कहा जाता है।
बलों के संयोजन में एक बिंदु पर लग रहे कई बलों का विश्लेषणात्मक या आलेखी विधि द्वारा योग-वियोग कर एकल बल के रूप में इस प्रकार प्रकाशित किया जाता है कि एकल परिणामी बल का प्रभाव उस बिंदु पर लग रहे सभी बलों के सम्मिलित प्रभाव के बराबर होता है। चुकीं, बल एक सदिश राशि ( vector quantity ) होता है इसलिए इनका संयोजन वेक्टर विधि ( vector addition ) द्वारा किया जाता है।
बलों के संयोजन के लिए कई विधियाँ उपलब्ध है जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं –
- बलों के समानांतर चतुर्भुज का नियम। ( Parallelogram law of forces )
- बलों के त्रिभुज का नियम। ( Triangle law of forces )
- बलों के बहुभुज का नियम। ( Polygon law of forces )
Parallelogram Law
समानांतर चतुर्भुज का नियम
बलों के समानांतर चतुर्भुज का नियम ( Parallelogram law of forces ) का उपयोग दो संगामी ( concurrent forces ) बलों के परिणामी बल का पता लगाने के लिए किया जाता है।
यह नियम व्यक्त करता है कि –
एक बिंदु O पर लगने वाले दो बल ( \vec { P } ) और ( \vec { Q } ) को जब एक समांतर चतुर्भुज OACB के दो संलग्न भुजाओं के द्वारा बलों की दिशा और परिमाण दोनों को पूर्ण रूप से दर्शाया जाता है तो, समांतर चतुर्भुज के O बिंदु से गुजरता विकर्ण ( diagonal ) इन दोनों बलों के “परिणामी बल” ( resultant force ) का प्रतिनिधित्व करता है।
Magnitude of Resultant Force
परिणामी बल का मान
चित्र के अनुसार बिंदु O पर लगने वाले दो बल ( \vec { P } ) और ( \vec { Q } ) पर विचार करें। माना कि कोण ( \angle { AOB } = \alpha ) और ( \angle { AOC } = \theta ) है।
बिंदु C से एक लम्ब CD का निर्माण करते हैं जो भुजा OA के बढ़े हुए हिस्से को D बिंदु पर काटता है।
चूँकि, AC भुजा OB के बराबर और सामानांतर है, अतः AC = ( \vec {Q} )
इसलिए, \quad \angle { DAC } = \angle { AOB } = \alpha
त्रिकोणमिति से ज्ञात होता है कि –
AD = Q \cos \alpha \quad And \quad DC = Q \sin \alpha
और, \quad OC^2 = ( OD^2 + DC^2 ) = \left [ \left ( OA + AD \right )^2 + DC^2 \right ]
अतः \quad R^2 = \left [ \left ( P + Q \cos \alpha \right )^2 + \left ( Q \sin \alpha \right )^2 \right ]
= \left [ P^2 + 2 P Q \cos \alpha + Q^2 \cos^2 \alpha + Q^2 \sin^2 \alpha \right ]
= \left [ P^2 + Q^2 + 2 P Q \cos \alpha \right ]
अतः \quad R = \sqrt {P^2 + Q^2 + 2 P Q \cos \alpha}
इस समीकरण से परिणामी बल ( R ) के मान का पता चलता है।
Direction of Resultant Force
परिणामी बल की दिशा
माना कि परिणामी बल ( R ) , बल ( P ) से घनात्मक दिशा में ( \theta ) का कोण बनाती है। तब –
\tan \theta = \left ( \frac{ DC }{ OD } \right ) = \left ( \frac { Q \sin \alpha }{ P + Q \cos \alpha } \right )
इस समीकरण से परिणामी बल ( R ) के दिशा का पता चलता है।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –
Triangle Law of Forces
बलों के त्रिभुज का नियम
बलों के त्रिभुज का नियम ( Triangle law of forces ) का उपयोग, दो संगामी बलों ( concurrent forces ) के परिणामी बल को ज्ञात करने का सबसे सरल तरीका है।
यह नियम व्यक्त करता है कि –
जब एक बिंदु O पर लगने वाले दो बल ( forces ) \vec { P } और \vec { Q } को एक त्रिभुज ABC के दो संलग्न भुजाओं के द्वारा, बलों की दिशा और परिमाण दोनों को एक ही क्रम में पूर्ण रूप से दर्शाया जाता है तो त्रिभुज की तीसरी भुजा इन दोनों बलों के “परिणामी बल” ( resultant force ) का प्रतिनिधित्व विपरीत क्रम में करता है।
चित्र के अनुसार, बिंदु O पर लगने वाले दो बल \vec { P } और \vec { Q } पर विचार करें।
माप के लिए एक उपयुक्त स्केल द्वारा AB रेखा को बल ( \vec {P} ) के समानांतर खींचते हैं, जो पूरी तरह से परिमाण और दिशा दोनों में उस बल का प्रतिनिधित्व करता है। अब B बिंदु से शुरू रेखा BC को बल ( \vec {Q} ) के समानांतर खींचते हैं जो परिमाण और दिशा दोनों में पूरी तरह से उस बल का प्रतिनिधित्व करेगा।
अब, यदि तीसरी भुजा AC को खींचकर त्रिभुज ( \triangle ABC ) पूरा किया जाता है, तो भुजा AC का मान परिणामी बल को बताता है। परिणामी बल ( \vec R ) की दिशा A से C की ओर अर्थात त्रिभुज को पूरा करने के विपरीत क्रम में होगी।
इस नियम का उपयोग दो बलों के परिणामी बल ( resultant force ) को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
Alternative of Triangle Law
त्रिभुज नियम का वैकल्पिक रूप
वैकल्पिक रूप से, बलों के त्रिभुज के नियम ( triangle law of forces ) का वैकल्पिक रूप को निम्नलिखित रूप से व्यक्त किया जा सकता है –
यदि, तीन समतलीय ( co-planer ) और संगामी बल ( concurrent forces ) ( \vec P ), \ ( \vec Q ) और ( \vec R ) किसी वस्तु के O बिंदु पर इस तरह कार्य कर रहे हैं कि उन्हें बंद त्रिभुज ( closed triangle ) ( \triangle ABC ) कि तीनों भुजाएँ क्रमशः AB, \ BC और CA के द्वारा बलों के दिशा और परिणाम को दर्शाया जा सकता है तब वस्तु पर लगता हुआ परिणामी बल शुन्य होगा और वस्तु संतुलन ( equilibrium ) में होगी।
चित्र में दिखाए गए तीन बलों की प्रणाली पर विचार करें।
दो बलों ( \vec {P} ) और ( \vec Q ) का परिणामी बल ( \vec {R} ) को त्रिभुज के नियम ( triangle law of forces ) के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
अब यदि एक तीसरे बल ( \overleftarrow {R} ) को, प्रणाली में इस प्रकार जोड़ा जाता है ताकि वह परिणामी बल ( \vec {R} ) के विपरीत दिशा में कार्य करता है, तब ये दोनों बल समान परन्तु विपरीत दिशा में होने पर एक-दूसरे को संतुलित करते है।
अतः वस्तु स्थिर संतुलन ( static equilibrium ) में रहती है।
Polygon Law of Forces
बलों के बहुभुज का नियम
बलों के बहुभुज का नियम ( Polygon Law of Forces ) को इस रूप में व्यक्त करते हैं –
यदि कई समतलीय ( co-planer ) और संगामी बल ( concurrent forces ) बल किसी वस्तु के एक बिंदु पर कार्य कर रहे हैं और यदि उन्हें एक बंद बहुभुज ( closed polygon ) के भुजाओं द्वारा दर्शाया जा सकता है, तो बलों का परिणामिक बल ( resultant force ) का मान शून्य होगा और वस्तु स्थिर संतुलन ( static equilibrium ) में रहती है।
बलों के संयोजन का polygon law of forces को प्रमाणित करने के लिए, हम बलों के त्रिभुज के नियम ( triangle law of forces ) की मदद लेते हैं।
विचार करें कि पांच बल ( \vec {P_1} ), \ ( \vec {P_2} ), \ ( \vec {P_3} ), \ ( \vec {P_4} ) और ( \vec {P_5} ) एक वस्तु के O बिंदु पर कार्य कर रहे हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
एक बहुभुज ABCDE का निर्माण करते हैं जिसकी भुजाएँ इन बलों के आनुपातिक रूप में होते हैं –
- भुजा AB = ( P_1 )
- भुजा BC = ( P_2 )
- भुजा CD = ( P_3 )
- भुजा DE = ( P_4 )
- भुजा EA = ( P_5 )
अब, A से C और A से D को मिलाते हैं।
बलों के संयोजन के त्रिभुज के नियम ( triangle law of forces ) से हम जानते हैं कि –
AB + BC = AC .
फिर, \quad AC + CD = AD
और, \quad AD + DE = AE
वस्तु पर एक पाँचवा बल ( EA ) लग रहा है जो परिमाण में बराबर है परन्तु विकसित परिणामी बल ( AE ) के विपरीत है।
ये दो बल ( AE ) और ( EA ) परिमाण में बराबर हैं लेकिन विपरीत दिशा में होने के कारण एक दूसरे को संतुलित करते हैं। इसलिए, इन पांच बलों का परिणामी बल ( resultant force ) शून्य है।
चूंकि सभी पांच बलों का परिणामी बल शून्य हो जाता है, इसलिए वस्तु संतुलन ( equilibrium ) में होती है।
बलों के के संयोजन का बहुभुज का नियम किसी भी संख्या के बल के लिए लागू होता है।