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Centrifugal Force

What is Centrifugal Force?

अपकेंद्रीय बल क्या होता है?

Centrifugal force एक काल्पनिक बल ( pseudo force ) होता है, जो एक घुमावदार पथ या गोलाकार पथ में चलती वस्तु द्वारा अनुभव किया जाता है। यह बल घुमावदार पथ के केंद्र से दूर की ओर निर्देशित होता है।

  1. अपकेंद्रीय बल ( centrifugal force ) का माप ( magnitude ) और आयाम ( dimension ) अभिकेंद्रीय बल ( centripetal force ) के बराबर होता है। अतः अपकेंद्रीय बल का मान \left ( \frac {mv^2}{r} \right ) होता है।
  2. यह एक जड़त्वीय बल है जो घूर्णित संदर्भ फ्रेम में उत्पन्न होता है और वस्तुओं को घूर्णन के केंद्र से दूर फेंकने का कारण बनता है।
  3. अपकेंद्रीय बल ( centrifugal force ) की दिशा अभिकेन्द्रीय बल ( centripetal force ) की दिशा के ठीक विपरीत होती है।
  4. अपकेंद्रीय बल एक काल्पनिक बल है क्योंकि यह केवल तभी उत्पन्न होता है जब कोई अभिकेन्द्र बल मौजूद होता है।
  5. यह बल वस्तु के द्रव्यमान, घूर्णन के केंद्र से वस्तु की दूरी और घूर्णन की गति पर निर्भर करता है।
  6. अपकेंद्रीय बल की अवधारणा का उपयोग विभिन्न घूर्णन उपकरणों जैसे वाशिंग मशीन, सेंट्रीफ्यूज रोटर्स, बैंक्ड रोड ( banked road ) और सेंट्रीफ्यूगल पम्प ( centrifugal pump ) आदि में किया गया है।

Centripetal Force & Centrifugal Force

अभिकेंद्रीय बल और अपकेंद्रीय बल

क्र. सं अभिकेंद्रीय बल ( Centripetal Force )अपकेंद्रीय बल ( Centrifugal Force )
1अभिकेंद्रीय बल एक वस्तु को एक वृत्त में गति करने के लिए आवश्यक बल है।अपकेंद्रीय बल वस्तु पर अभिकेंद्रीय बल के प्रतिक्रिया बल ( reaction force ) के रूप में कार्य करने वाला बल होता है।
2यह बल घर्षण, गुरुत्वाकर्षण, रस्सी में तनाव आदि के रूप में उत्पन्न होता है।यह बल अभिकेन्द्रीय बल के अस्तित्व के कारण उत्पन्न होता है।
3यह एक वास्तविक बल ( real force ) होता है।यह एक छद्म ( pseudo force ) (काल्पनिक) बल होता है।
4यह बल त्रिज्या के अनुदिश कार्य करता है और वृत्तीय पथ के केंद्र की ओर निर्देशित होता है।यह बल रेडियल दिशा में कार्य करता है और वृत्तीय पथ के केंद्र से दूर निर्देशित होता है।

Effects of Centrifugal Force

अपकेंद्रीय बल के प्रभाव

अपकेंद्रीय बल की उत्पत्ति और उसके प्रभाव को निम्नलिखित उदाहरणों के द्वारा समझा जा सकता है –

  1. अधिक गति से गतिमान कार का घुमावदार पथ पर फिसलना।
  2. घुमावदार पथ पर एक साइकिल-सवार का केंद्र की ओर झुकना।

1.Skidding of a car on level road

घुमावदार पथ पर कार का फिसलना

जब एक कार एक घुमावदार सड़क पर चलती है, तो सड़क और टायरों के बीच का घर्षण बल कार को वक्र पथ में गति कायम रखने के लिए आवश्यक अभिकेंद्रीय बल प्रदान करता है। साथ ही कार पर अपकेंद्रीय बल भी लगता है जो कार को वक्र के केंद्र से दूर फेंकने की कोशिश करता है।

एक कार पर विचार करें जिसका भार ( mg ) है और ( r ) त्रिज्या के एक गोलाकार समतल सड़क पर स्थिर गति ( v ) से चलती है। यदि रफ़्तार अधिक हो तो मोड़ लेते समय, अपकेंद्रीय बल की क्रिया के कारण कार के टायर सड़क से हट जाते हैं और कार, वक्र के केंद्र से दूर फ़ेंक दी जाती है।

कार के अंदर और बाहरी टायरों पर घर्षण बल क्रमशः ( f_1 ) और ( f_2 ) हैं। चूँकि, अपकेंद्रीय बल केंद्र से बाहर कि ओर कार्य करता है, इसलिए टायरों पर घर्षण बल केंद्र कि ओर कार्य करते हैं।

यदि अंदर और बाहरी टायरों पर जमीन की प्रतिक्रिया क्रमशः ( R_1 ) और ( R_2 ) है, तो –

f_1 = \mu \ R_1 \quad

और \quad f_2 = \mu \ R_2

जहाँ, ( \mu ) टायरों और सड़क के बीच का घर्षण गुणांक है।

फिर, \quad ( R_1 + R_2 ) = mg

और, कुल घर्षण बल \quad ( f_1 + f_2 ) = \mu ( R_1 + R_2 ) = \mu . mg

कार को सड़क पर चलते रहने के लिए अधिकतम घर्षण बल को अपकेंद्रीय बल के बराबर या उससे अधिक होना होगा। अर्थात –

\mu . mg \ge \frac {mv^2}{r}

या, \quad \frac {v^2}{rg} \le \mu \quad या \quad v^2 \le \mu \ rg

अतः सुरक्षित घुमाव के लिए कार का अधिकतम वेग होगा –

v_{max} = \sqrt {\mu \ rg}

यदि वेग ( v_{max} ) से अधिक हो जाता है तो टायर और सड़क का संपर्क टूट जाता है और कार सड़क के बहार फ़ेंक दी जाती है।

2.Bending of a cyclist towards centre

साइकिल-सवार का केंद्र की ओर झुकना

जब कोई साइकिल चालक, घुमावदार रास्ते पर चक्कर लगाता है, तो टायरों और सड़क के बीच घर्षण बल इतना कम होता है कि आवश्यक अभिकेंद्रीय बल ( centripetal force ) प्रदान नहीं कर पाता। यही कारण है कि एक वक्र पथ में जाने वाला साइकिल चालक अंदर की ओर झुक जाता है जिससे सड़क की प्रतिक्रिया ऊर्ध्वाधर ( vertical ) से केंद्र कि ओर झुकी हो और इसका क्षैतिज घटक आवश्यक अभिकेंद्रीय बल प्रदान करता हो।

मान लीजिए कि साइकिल चालक ऊर्ध्वाधर से ( \theta ) के कोण से अंदर की ओर झुकता है। अभिलम्ब प्रतिक्रिया ( normal reaction ) का क्षैतिज घटक ( horizontal component ) ( R ) आवश्यक अभिकेंद्रीय बल प्रदान करता है।

BENDING OF A CYCLIST ON CURVE
030701 BENDING OF A CYCLIST ON CURVE

अतः \quad R \sin \theta = \frac {m v^2}{r} …………….. (1)

अभिलम्ब प्रतिक्रिया का ऊर्ध्वाधर घटक ( R \cos \theta ), साइकिल और साइकिल चालक के भार ( mg ) को संतुलित करता है।

अतः \quad R \cos \theta = mg ………………….. (2)

समीकरण (1) को समीकरण (2) से भाग देने पर हम पाते हैं कि –

\frac {R \sin \theta}{R \cos \theta} = \frac {m v^2 / r}{mg}

या, \quad \tan \theta = \frac {v^2}{rg}

या, \quad \theta = \tan^{-1} \left ( \frac {v^2}{rg} \right )

इस प्रकार से, जिस कोण ( \theta ) पर साइकिल चालक झुकता है वह अधिक होगा, यदि –

  1. वृत्ताकार पथ की त्रिज्या काम होती है या मोड़ तीक्ष्ण होता है।
  2. साइकिल चालक की गति तेज होती है।

Banking & Super Elevation

बैंकिंग और सुपर एलिवेशन

टायरों और सड़क के बीच का घर्षण टायरों में काफी घिसाव और नुकशान पैदा करता है। इससे बचने के लिए घुमावदार सड़क के बाहरी परिधि को ऊपर की ओर झुकाव दिया जाता है। यह टायरों का घिसाव कम करता है क्योंकि अभिलम्ब प्रतिक्रिया का क्षैतिज घटक आवश्यक अभिकेंद्रीय बल प्रदान करता है।

घुमावदार सड़क के बाहरी किनारे को उसके भीतरी किनारे से ऊपर उठाने की प्रणाली को घुमावदार सड़क का बैंकिंग ( banking of roads ) कहा जाता है। जिस कोण से घुमावदार सड़क के बाहरी किनारे को उसके भीतरी किनारे से ऊपर उठाया जाता है, उसे बैंकिंग कोण ( angle of banking ) कहा जाता है।

इसी प्रकार से रेल की पटरियों पर वाहनों की आवाजाही में, पहियों के फ्लैंज ( flange ) पर रेल द्वारा उत्पन्न जोर ( thrust of rails ) से अभिकेंद्रीय बल प्रदान किया जाता है। इससे पहिए या रेल तेजी से खराब हो सकते हैं। इससे बचने के लिए, रेल ट्रैक को केंद्र की ओर झुका हुआ बनाया जाता है ताकि ट्रैक की अभिलम्ब प्रतिक्रिया, ऊर्ध्वाधर से केंद्र की ओर झुकी हो और इसका क्षैतिज घटक आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल प्रदान करे। जिस ट्रैक को इस तरह से ढलानदार बनाया जाता है, उसे बैंक्ड ट्रैक ( banked track ) कहा जाता है।

रेल के लिए बैंक्ड ट्रैक में बाहरी रेल को अंदर के रेल से थोड़ा ऊपर उठा हुआ बनाया जाता है। अंदर के रेल पर बाहरी रेल की इस अतिरिक्त ऊंचाई को सुपर-एलिवेशन ( super elevation ) कहा जाता है।

Maximum speed on banked track

बैंक्ड सड़क पर अधिकतम गति

त्रिज्या ( r ) के घुमावदार पथ पर ( v )   गति से चलती हुई, ( mg ) भार की एक कार पर विचार करें। मान लें कि सड़क का बैंकिंग कोण ( \theta ) है।

कार पर कार्य करने वाले बल हैं –

  1. कार का भार ( mg ) जो लंबवत नींचे कि ओर कार्य करता है।
  2. अभिलम्ब प्रतिक्रिया ( R ) जो ऊर्ध्वाधर ( vertical ) से केंद्र कि ओर एक कोण ( \theta ) पर कार्य करता है।
  3. घर्षण बल ( f ) जो झुके हुए तल के अनुदिश नींचे केंद्र की ओर कार्य करता है।
MOVING OF A CAR ON BANKED ROAD
030702 MOVING OF A CAR ON BANKED ROAD

इन बलों को ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज दिशा में हल करने पर हम पाते हैं कि –

R \sin \theta + f \cos \theta = \left ( \frac {m v^2}{r} \right ) ……….. (1)

और, \quad mg + f \sin \theta = R \cos \theta \quad जहाँ \quad f = \mu R

या, \quad R \cos \theta - f \sin \theta = mg ……… (2)

समीकरण (1) को समीकरण (2) से भाग देने पर हम पाते हैं कि –

\left [ \frac {R \sin \theta + f \cos \theta}{R \cos \theta - f \sin \theta} \right ] = \left ( \frac {v^2}{rg} \right )

बांये तरफ के भाज्य और भाजक दोनों को ( R \cos \theta ), से भाग देने पर –

\left [ \frac {\tan \theta + \frac {f}{R}}{1 - \frac {f}{R} \tan \theta} \right ] = \left ( \frac {v^2}{rg} \right )

अथवा, \quad \left [ \frac {\tan \theta + \mu}{1 - \mu \tan \theta} \right ] = \left ( \frac {v^2}{rg} \right )

या, \quad v^2 = rg \left [ \frac {\tan \theta + \mu}{1 - \mu \tan \theta} \right ]

अतः \quad v = \sqrt {rg \left [ \frac {\tan \theta + \mu}{1 - \mu \tan \theta} \right ]}

इसलिए, \quad v_{max} = \sqrt {rg \left [ \frac {\tan \theta + \mu}{1 - \mu \tan \theta} \right ]} ……. (3)

समतल सड़क के लिए ( \theta = 0 ) होगा।

अतः \left [ v_{max} = \sqrt {\mu \ rg} \right ] ….. (4)

इस प्रकार से समीकरण (3) और (4) को तुलना करने पर हम पाते हैं कि –

\sqrt {rg \left [ \frac {\tan \theta + \mu}{1 - \mu \tan \theta} \right ]} > \left [ \sqrt {\mu \ rg} \right ] क्योंकि ( \tan \theta > 0 )

अतः सड़क के बैंकिंग के द्वारा \left [ v_{max} \right ] के मान को बढ़ाया जा सकता हैं।


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