Surface Tension

What is called surface tension?

पृष्ठ तनाव से क्या मतलब है?

पृष्ठ तनाव ( surface tension ) किसी तरल पदार्थ का वह गुण है जिसके कारण तरल की मुक्त सतह, एक लचीलेदार खींची हुई झिल्ली ( elastic stretched membrane ) की तरह व्यवहार करती है ताकि तरल की मुक्त सतह का क्षेत्र न्यून्तम हो सके।

चित्र में दिखाए गए एक बीकर में रखे हुए तरल प्रदार्थ पर विचार करें। तरल की मुक्त सतह पर एक रेखा AB की कल्पना करें। सतह पर के छोटे छोटे तत्त्व इस रेखा पर संतुलन ( equilibrium ) में हैं क्योंकि उनपर रेखा के दोनों तरफ से लंबवत रूप में समान परन्तु विपरीत बल ( equal but opposite forces ) कार्य करते हैं। इस रेखा पर कार्य करने वाला बल इस रेखा की लंबाई के समानुपाती होता है।

यदि l काल्पनिक रेखा की लंबाई है और F रेखा के दोनों ओर के कुल बल हैं, तब –

F \propto l

या, \quad F = \sigma l

या, \quad \sigma = \frac {F}{l}

या, \quad \text {Surface tension} = \left ( \frac {\text {Force}}{\text {Length}} \right )

अतः, पृष्ठ तनाव ( surface tension ) को मापने के लिए तरल सतह पर खींची गई एक काल्पनिक रेखा की प्रति इकाई लंबाई में लग रहे बल के रूप में मापा जाता है। वह बल की रेखा के लंबवत और तरल सतह पर स्पर्शरेखा की दिशा में होनी चाहिए।

Units of surface tension

  1. पृष्ठ तनाव ( surface tension ) की इकाई \text {N-m}^{-1} है।
  2. CGS प्रणाली में पृष्ठ तनाव ( surface tension ) की इकाई \text {dyne-cm}^{-1} है।

पृष्ठ तनाव का आयाम ( dimensions ) \left ( \frac {\text {Dimension of force}}{\text {Dimension of length}} \right ) = \left ( \frac {\text {M L T}^{-2}}{\text {L}} \right ) = \left [ \text {MT}^{-2} \right ] होता है।


Cause of surface tension

पृष्ठ तनाव के कारण

पृष्ठ तनाव की घटना दो प्रकार के आणविक बलों पर आधारित होती है। ये हैं –

  1. आणविक आकर्षण का संयोजी बल ( cohesive force )।
  2. आणविक आकर्षण का चिपकने वाला बल ( adhesive force )।

इनका विवरण इस प्रकार से है –

SURFACE TENSION
131501 SURFACE TENSION

Cohesive force

सांयोगिक बल

एक ही पदार्थ के विभिन्न अणुओं के बीच के आकर्षण बल ( force )को सांयोगिक बल ( cohesive force ) कहा जाता है।

  1. पृष्ठ तनाव ( surface tension ) वह घटना है जो द्रव के अणुओं के बीच सांयोगिक बल ( cohesive force ) के कारण उत्पन्न होती है।
  2. द्रव और गैस के मुकाबले, ठोस पदार्थों के लिए संयोगिकता ( cohesiveness ) अधिक होती है।
  3. ठोस वस्तुओं का आकार निश्चित होता है क्योंकि उनके अणुओं के बीच मजबूत सांयोगिक बल ( cohesive force ) होता है।

Adhesive force

आसंजक बल

दो विभिन्न पदार्थों के अणुओं के बीच के आकर्षण बल को आसंजक बल ( adhesive force ) कहा जाता है।

  1. पानी कांच के पात्र की दीवारों को गीला कर देता है क्योंकि पानी और कांच के बीच आसंजक बल ( adhesive force ) पानी के अणुओं के बीच सांयोगिक बल ( cohesive force ) से अधिक होता है।
  2. लेकिन, पारा कांच को गीला नहीं करता है क्योंकि पारा और कांच के बीच के आसंजक बल ( adhesive force ) की तुलना में पारा अणुओं के बीच का सांयोगिक बल ( cohesive force ) बहुत अधिक होता है।
  3. लिखते समय कागज से स्याही चिपक जाती है क्योंकि कागज और स्याही के बीच का आसंजक बल ( adhesive force ) अधिक होता हैं।

Phenomenon based on surface tension

पृष्ठ तनाव पर आधारित घटनाएं

(1) वर्षा की बूंदें आमतौर पर गोलाकार होती हैं। पृष्ठ तनाव ( surface tension ) के कारण, वर्षा की बूंदें अपने सतह क्षेत्र को कम करने की कोशिस करती हैं। गोलाकार होने पर किसी क्षेत्र की सतह का क्षेत्रफल किसी दिए गए आयतन के लिए न्यूनतम होता है।

(2) पारा की छोटी बूंदें गोलाकार होती हैं परन्तु बड़ी बुँदे गोलाकार होने के साथ साथ चपटी भी होती हैं। छोटी बूंदें गोलाकार होती हैं क्योंकि पृष्ठ तनाव क्षेत्र को न्यूनतम कर देती हैं और किसी क्षेत्र में किसी दिए गए आयतन के लिए न्यूनतम सतह गोलाकार क्षेत्र होता है।

पारा की बड़ी बूंदे गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव के कारण चपटी हो जाती हैं।

(3) पानी से बाहर निकालने पर एक पेंटिंग ब्रश के बाल आपस में चिपक जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन पर बनी पानी की फिल्में न्यूनतम क्षेत्र बनाए रखने के लिए संयोजित हो जाती हैं।

(4) पृष्ठ तनाव के कारण एक कीड़ा पानी की सतह पर तैरता है। एक कीड़ा पानी की सतह पर अपने पैरों को मोड़ता है जिससे कि विरूपित सतह पृष्ठ तनाव बल उत्पन्न करता है जो विरूपित सतह का स्पर्शरेखीय होता है। कीड़ा का वजन पृष्ठ तनाव बलों के ऊर्ध्वाधर घटकों ( vertical components ) द्वारा संतुलित होता है।

Pressure intensity inside a droplet?

द्रव के एक बून्द की दबाव तीव्रता

चित्र में दिखाए ( r ) त्रिज्या के किसी तरल की एक बूंद पर विचार करें।

PRESSURE INTENSITY OF DROPLET, BUBBLE & JET
131502 PRESSURE INTENSITY OF DROPLET, BUBBLE & JET

मान लें कि, (\sigma) तरल का surface tension है और बूंद के अंदर दबाव की तीव्रता ( pressure ) ( प ) है।

चित्र ( A ) में दिखाए गए बूंद के एक आधे हिस्से के संतुलन ( equilibrium ) पर विचार करने पर हम पाते हैं कि –

\text {दबाव बल} = \text {पृष्ठ तनाव द्वारा प्रतिरोध}

अतः \quad p \times ( \pi r^2 ) = \sigma \times ( 2 \pi r )

या, \quad p = \frac {2 \sigma }{r}

Pressure intensity inside hollow bubble

एक खोखले बुलबुले में दबाव तीब्रता

साबुन के बुलबुले की तरह एक खोखले बुलबुले में पृष्ठ तनाव ( surface tension ) के अधीन दो सतहें होती हैं। चित्र ( A ) में दिखाए गए ( r ) त्रिज्या वाले एक बुलबुले के आधे अंश के संतुलन ( equilibrium ) पर विचार करने पर हमें पता चलता है कि –

p \times ( \pi r^2 ) = 2 \times \sigma \times ( 2 \pi r )

या, \quad p = \frac {4 \sigma }{r}

Pressure intensity inside liquid jet

द्रव की धारा में दबाव तीब्रता

चित्र ( B ) में दिखाए गए एक तरल की धारा का व्यास ( d ) और लम्बाई ( l ) है। माना कि, तरल की धारा में दबाव की तीब्रता ( p ) है।

अनुदैर्ध्य आधी धारा पर विचार करने पर पता चलता है कि, धारा को अलग करने वाले बल ( bursting force ) और प्रतिरोधक बल ( resisting force ) बराबर होंगे। इससे हमें प्राप्त होता है कि –

p l d = 2 \sigma l

अतः, \quad p = \frac {2 \sigma}{d} = \frac {\sigma}{r}

जहाँ ( r = \frac {d}{2} ) धारा की त्रिज्या है।