What is a Simple Machine?
सरल मशीन क्या होता है?
सरल मशीन ( simple machine ) एक यांत्रिक उपकरण होता है जिसका उपयोग लगाए गए बल की दिशा या परिमाण को आवश्यकता के अनुसार बदलने के लिए किया जाता है।
सरल मशीन ( simple machine ), किसी प्रणाली ( system ) का सबसे सरल रूप होता है जो यांत्रिक लाभ ( mechanical advantage ) के द्वारा लगाए गए बल का कई गुणा अधिक प्रभाव उत्पन्न करता है। प्राचीन काल ( ancient period ) में, आदि मानव ( early men ) ने छह प्रकार की सरल मशीन ( simple machines ) का आविष्कार किया है जो अब आधुनिक मशीनों ( modern machines ) का आधार है।
Compound Machine
मिश्रित मशीन या जटिल मशीन
छोटे छोटे कई घटकों ( components ) के संयोजन ( combination ), जो एक साथ मिलकर एक मशीन की तरह काम करते है उसे एक मिश्रित मशीन ( compound machine ) या जटिल मशीन ( complex machine ) के रूप में जाना जाता है। मौलिक प्रकृति के अनुसार सभी घटक एक मूल सरल मशीन ( basic simple machine ) होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, साधारण मशीनें मिश्रित मशीनों के निर्माण खंड हैं।
एक मिश्रित मशीन या जटिल मशीन, कई घटकों की श्रृंखला से बनी होती है। प्रत्येक घटक, मूल रूप से एक simple machine होता है जो एक उत्तोलक, एक स्क्रू, एक पच्चर, एक झुका हुआ तल या एक पहिया और धुरी आदि कुछ भी हो सकता है।
अतः एक मिश्रित मशीन ( compound machine ) की मूल इकाई एक सरल मशीन ( simple machine ) होती है। मिश्रित मशीन ( compound machine ) का यांत्रिक लाभ ( Mechanical advantage ), प्रत्येक घटक सरल मशीनों के स्वयं के यांत्रिक लाभ के कुल योग के बराबर होता है।
Basic Machine
मूलभूत मशीन
एक मशीन, मानव निर्मित यांत्रिक उपकरण होता है जो एक उपलब्ध ( available ) रूप में ऊर्जा ( energy ) लेता है और इसका उपयोग करके किसी अन्य वांछित ( desired ) ऊर्जा या वांछित कार्य ( work ) उत्पादन करता है।
अतः एक मशीन, वांछित कार्य करने के लिए दिए गए गति ( motion ) या लगाए गए बल ( force ) को संशोधित कर सकता है।
मूलभूत मशीनें दो प्रकार की होती हैं –
- सरल मशीनें ( simple machine )।
- कंपाउंड मशीनें ( compound machine )।
उदाहरण –
- जब विद्युत धारा प्रारम्भ किया जाता है, तो एक मोटर घूमती है। इस प्रकार से एक मोटर इनपुट के रूप में बिद्युत ऊर्जा ( electrical energy ) लेती है और आउटपुट के रूप में इसे अपने रोटर को घूमने में गतिज ऊर्जा ( kinetic energy ) में परिवर्तित करती है। इस प्रकार आउटपुट के रूप में हमें गतिज ऊर्जा ( kinetic energy ) प्राप्त होती है। इसलिए यह एक मशीन है।
- इसी प्रकार साइकिल, घड़ी या सीधी छड़ आदि सरल मशीनों के उदाहरण हैं।
Types of Simple Machines
साधारण मशीन के प्रकार
सरल मशीनें ( simple machines ) छह प्रकार के होते हैं –
- पच्चर ( Wedge )।
- झुका हुआ तल ( Inclined plane )।
- उत्तोलक ( Lever )।
- घिरनी ( Pulley )।
- पहिया और धुरि ( Wheel and axle )।
- स्क्रू ( Screw )।
इनका विवरण इस प्रकार से हैं –
Wedge
पच्चर
एक पच्चर, एक जोड़े झुके हुए तल ( inclined plane ) का बना होता है जो विपरीत दिशा में झुके होने के कारण आगे मिलकर एक तेज धारदार किनारा बनाते हैं।
एक पच्चर का उपयोग, एक वांछित दिशा में घर्षण बल का लाभ उठाने के लिए किया जाता है। लकड़हारे की कुल्हाड़ी पच्चर का सबसे सरल उदाहरण है। इसके कार्य विधि को चित्र में प्रदर्शित किया गया है।
प्राचीन काल में आविष्कृत सभी सरल मशीनों में पच्चर सबसे पुराना आविष्कार है। सभी वर्तमान मशीनें एक पच्चर के मूल कार्य सिद्धांत पर आधारित होती हैं।
प्रयोग –
- चीजों को काटने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। उदाहरण – एक चाकू, कुल्हाड़ी आदि।
- इसका उपयोग गोल वस्तुओं की आकस्मिक गति को रोकने के लिए किया जाता है। उदाहरण – खड़ी अवस्था में ट्रकों, रेल डिब्बों आदि के पहियों के निचे इनकी आकस्मिक गति को रोकने के लिए पच्चर लगाए जाते हैं।
- पच्चर का उपयोग भारी मशीन बेड आदि के ठीक संरेखण ( fine alignment ) के लिए भी किया जाता है।
Inclined plane
झुका हुआ तल
किसी ढलान या तिरछी सतह या रैंप को झुका हुआ तल ( inclined plane ) कहा जाता है।
यह ढलान वाली समतल सतह से बनी एक साधारण मशीन होती है। एक बड़े भार को छोटी ऊंचाई तक उठाने के लिए इसका उपयोग किया जाता हैं। इसमें एक छोटा इनपुट बल को लम्बी दुरी तक लगाया जाता है।
झुका हुआ तल, प्राचीन काल में उपयोग की जाने वाली दूसरी सबसे पुरानी आविष्कृत सरल मशीन है। आदि मानव द्वारा भारी वस्तुओं को ऊंचाई तक ले जाने के लिए इसका उपयोग किया जाता था।
प्रयोग –
- एक झुके हुए तल का उपयोग बड़े भार को एक निश्चित ऊंचाई तक आसानी से उठाने के लिए किया जाता है।
Lever
उत्तोलक
उत्तोलक ( lever ) एक कठोर छड़ ( rigid bar ) होता है जो एक निश्चित बिंदु पर घुमाये जाने में सक्षम होता है। इस निश्चित बिंदु को अभिलम्ब ( fulcrum ) कहा जाता है।
प्राचीन काल में इसका उपयोग, मिस्र की तकनीक ( Egyptian technology ) में बड़ी वस्तुओं को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता था। उत्तोलक ( Lever ) के कार्य करने की विधि को चित्र में दर्शाया गया है।
प्रयोग –
- एक उत्तोलक ( lever ) का उपयोग बल गुणक ( force multiplier ) के रूप में किया जाता है। उदाहरण – बोतल खोलने वाला, कैंची आदि उत्तोलक ( lever ) के उदाहरण हैं।
- एक छोटे बल इनपुट को लगाकर एक बड़ा बल आउटपुट प्राप्त करने के लिए उत्तोलक ( lever ) का उपयोग किया जाता है।
Pulley
घिरनी
घिरनी ( pulley ) या शीव ( sheave ) एक डिस्क जैसी उपकरण होती है जिसके रिम वाले हिस्से पर एक खांच बना होता है। इस खांचे में बल या प्रयास ( effort ) लगाने के लिए एक लचीली रस्सी या जंजीर लपेटी जाती है।
कुएं से पानी की बाल्टी उठाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली घिरनी इसका सबसे सरल उदाहरण है। एक घिरनी प्रणाली ( pulley system ) के कार्य करने की विधि को चित्र में दिखाया गया है।
प्रयोग –
- काफी ऊंचाई तक किसी बड़े भार को उठाने के लिए एक घिरनी प्रणाली ( pulley system ) का उपयोग किया जाता है। उदाहरण – स्ट्रक्चरल फ्रेम, गर्डर्स ( girders ) आदि पर भारी मशीनरी का निर्माण या स्थापना।
- इसका उपयोग, प्रयास ( effort ) या गति ( motion ) की दिशा बदलने के लिए भी किया जाता है। उदाहरण – कुएँ से पानी की बाल्टियाँ उठाने के लिए प्रयोग की जाने वाली घिरनी।
Wheel & Axle
पहिया और धुरि
पहिया और धुरी ( wheel & axle )एक उपकरण होता है जिसमे एक गोलाकार फ्रेम होता है जिसे व्हील डिस्क कहा जाता है। इस डिस्क को एक बेलनाकार शाफ़्ट ( cylindrical shaft ), स्पिंडल ( spindle ) या रॉड ( rod ) पर लगाया जाता है जिसे एक्सल ( axle ) कहते है।
इस उपकरण में एक धुरी के दो सिरों पर दो पहिया डिस्क लगे होते हैं। साधारणतः, इनपुट बल को एक्सल पर लगाया जाता है जो व्हील डिस्क में स्थानांतरित होता है।
सबसे पहले पहिया और धुरी का आविष्कार, प्राचीन काल में मेसोपोटामिया में आदि मानव द्वारा किया गया था। एक पहिया और धुरी ( wheel and axle ) प्रणाली के कार्य करने की विधि को चित्र में दिखाया गया है।
प्रयोग –
- सतहों पर किसी बड़े भार को आसानी से लुढकाने के लिए पहिया और धुरी का उपयोग किया जाता है। उदाहरण – ऑटोमोबाइल के पहिए आदि।
- प्राचीन काल में इसका उपयोग कुओं से वजन या पानी की बाल्टी उठाने के लिए किया जाता था।
Screw
स्क्रू
एक वृत्ताकार बेलन ( circular cylinder ) पर झुके हुए तल ( inclined plane ) को लपेटकर एक स्क्रू बनाया जाता है।
स्क्रू एक गोलाकार बेलनाकार वस्तु है जो एक कील ( nail ) की तरह दिखती है। आदि मानव द्वारा आविष्कृत सभी सरल मशीनों में स्क्रू, आखिरी आविष्कार है। इसका प्रयोग सर्वप्रथम मेसोपोटामिया में किया गया था।
एक बुनियादी स्क्रू प्रणाली ( screw system ) के कार्य करने की विधि को चित्र में दिखाया गया है।
प्रयोग –
- एक स्क्रू का उपयोग फास्टनर ( fastener ) के रूप में किया जाता है। उदाहरण – बढ़ई के स्क्रू, पेंच, नट और बोल्ट आदि।
- इसका उपयोग बल और गति के संचरण के लिए किया जाता है। उदाहरण – वर्म ( worm ) और वर्म व्हील्स आदि।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –