What is Flexural rigidity?
फ्लेक्सेरल रिजिडीटी क्या होता है?
किसी बीम के फ्लेक्सेरल रिजिडीटी ( flexural rigidity ) ( EI ) को, बीम के पदार्थ का लोच मापांक ( modulus of elasticity ) ( E ) और बीम खंड ( section ) का जड़त्व आघूर्ण ( moment of inertia ) ( I ) के उत्पाद के रूप में परिभाषित किया जाता है।
डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण से हमें प्राप्त होता है –
M = EI \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right )
इस अभिव्यक्ति में उत्पाद ( EI ) को, फ्लेकसरल रिजिडिटी ( flexural rigidity ) कहा जाता है।
- डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण में flexural rigidity ( EI ) एक constant होता है।
- यह बीम के पदार्थ और बीम के क्रॉस सेक्शन के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है।
इसलिए, डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण ( differential equation of flexure ) को इस प्रकार भी व्यक्त किया जा सकता है –
M = \text {Flexural rigidity} \ \times \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right )
Unit of flexural rigidity
फ्लेक्सेरल रिजिडिटी की इकाई
फ्लेक्सेरल रिजिडीटी ( flexural rigidity ) दो उत्पादों का गुणनफल होता है –
- बीम के पदार्थ का यंग के मापांक ( Young’s modulus ) या रिजिडीटी मॉडुलुस ( modulus of rigidity ) ( E ) . SI सिस्टम में इसकी इकाई \text {N-m}^{-2} \text {या Pascal ( Pa )} होती है।
- बीम के सेक्शन का जड़त्व आघूर्ण ( moment of inertia ) या खंड के क्षेत्र का दूसरा आघूर्ण ( second moment of area ) ( I ) । SI सिस्टम में इसकी इकाई ( \text {m}^4 ) होती है।
इसलिए, फ्लेक्सेरल रिजिडीटी ( flexural rigidity ) की इकाई होगी –
\text {N-m}^{-2} \ \times \ \text {m}^4 = \text {N-m}^{2}
Importance of flexural rigidity
फ्लेक्सेरल रिजिडिटी का महत्व
- फ्लेक्सेरल रिजिडीटी ( flexural rigidity ), किसी बीम में इकाई वक्रता उत्पन्न करने के लिए आवश्यक बेन्डिंग मोमेंट ( bending moment ) का मान बताता है।
- यह बेन्डिंग ( bending ) के दौरान किसी संरचना ( structure ) के द्वारा प्रदान किये गए प्रतिरोध को बताता है।
- फ्लेक्सेरल कठोरता ( flexural stiffness ), एक सदस्य की विरूपण ( deformation ) से जूझने की क्षमता का माप होता है।
Differential equation of flexure
डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण
किसी बीम खंड का जड़त्व आघूर्ण ( moment of inertia ) ( I ) , लोच मापांक ( Modulus of elasticity ) ( E ) , बेन्डिंग मोमेंट ( bending moment ) ( M ) और बीम के लोचदार वक्र ( elastic curve ) के लिए डिफरेंशियल ऑपरेटर्स \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right ) के बीच सम्बन्ध स्थापित करने वाले अभिव्तक्ति ( expression ) को डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण ( differential equation of flexure ) के नाम से जाना जाता है।
इस अभिव्तक्ति को इस प्रकार से व्यक्त किया जाता है –
M = EI \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right )
इस समीकरण का उपयोग, इंटीग्रेशन विधि द्वारा बीम के ढलान ( slope ) और विक्षेपण ( deflection ) को ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह डबल इंटीग्रेशन विधि ( Double integration method ) के नाम से बहुत लोकप्रिय है।
DIFFERENTIAL EXPRESSION
किसी बीम के एक छोटे से हिस्से, PQ पर विचार करें जो एक वृत्तीय चाप में मुड़ा है।
मान लें कि –
- बीम के हिस्से PQ की लंबाई ( ds ) है।
- मुड़े हुए बीम की वक्रता चाप का केंद्र C है।
- वक्रता की त्रिज्या ( R ) है।
- P बिंदु पर स्पर्शरेखा द्वारा X अक्ष पर बने कोण का मान ( \psi ) है।
- Q बिंदु पर स्पर्शरेखा द्वारा X अक्ष पर बने कोण का मान ( \psi = d \psi ) है।
- P बिंदु के निर्देशांक ( x, \ y ) हैं।
- Q बिंदु के निर्देशांक ( x + dx ), \ ( y + dy ) हैं।
चित्र में दिखाए गए मुड़े हुए बीम के एक छोटे से हिस्से पर विचार करें।
चित्र कि ज्यामिति से हम पाते हैं कि –
\angle PCQ = d \psi
और वृत्त चाप PQ कि लम्बाई होगी \quad ds = R \ d \psi
अतः \quad R = \left ( \frac {ds}{d \psi} \right )
चूँकि बीम का मुड़ना बहुत कम होता है तथा P और Q बिंदुएं काफी करीब हैं, इसलिए ( ds = dx ) माना जा सकता है। तब –
\left ( \frac {ds}{d \psi} \right ) = \left ( \frac {dx}{d \psi} \right )
अतः \quad R = \left ( \frac {dx}{d \psi} \right )
या, \quad \left ( \frac {d \psi}{dx} \right ) = \left ( \frac {1}{R} \right )
स्पष्ट रूप से समझने के लिए बीम के PQ हिस्से का एक enlarged view दिखाया गया है।
चित्र कि ज्यामिति से हम पाते हैं कि –
\tan \psi = \left ( \frac {dy}{dx} \right )
चूँकि, ( \psi ) बहुत छोटा कोण है, इसलिए –
\tan \psi = \psi ( रेडियन में )
अतः \quad \psi = \left ( \frac {dy}{dx} \right )
इसे ( x ) के सापेक्ष में डिफ्रेंसिएट करने पर हम पाते हैं कि –
\frac {d}{dx} \left ( \psi \right ) = \frac {d}{dx} \left ( \frac {dy}{dx} \right )
या, \quad \left ( \frac {d \psi}{dx} \right ) = \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right )
परन्तु, \quad \left ( \frac {d \psi}{dx} \right ) = \left ( \frac {1}{R} \right )
अतः \quad \left ( \frac {1}{R} \right ) = \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right ) ……….. (6)
बेन्डिंग स्ट्रेस ( bending stress ) के पूर्व लेखों से हमें ज्ञात है कि –
\left ( \frac {M}{I} \right ) = \left ( \frac {E}{R} \right )
या, \quad M = \left ( \frac {EI}{R} \right )
= EI \left ( \frac {1}{R} \right )
समीकरण (6) का उपयोग करने पर हम पाते हैं कि –
M = EI \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right ) ………. (7)
- इस अभिव्यक्ति को डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण ( differential equation of flexure ) के नाम से जाना जाता है।
Methods to find slope & deflection
ढलान और विक्षेपण ज्ञात करने के तरीके
लोड किये हुए बीम के किसी अंश में विक्षेपण ( deflection ) और ढलान ( slope ) को निर्धारित करने के लिए कई विधियाँ उपलब्ध हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विधियाँ निम्न हैं –
- दोहरी एकीकरण विधि ( Double integration method )।
- मोमेंट क्षेत्र विधि ( Moment area method )।
- मैकाले की विधि ( Macaulay’s method )।
- संयुग्म बीम विधि ( Conjugate beam method. )।
इस लेख में हम केवल, दोहरी एकीकरण विधि ( Double integration method ) का विस्तार से वर्णन करेंगे। अन्य विधियों का विस्तृत वर्णन हमने अगले लेखों में किया है।
Double integration method
दोहरी एकीकरण की विधि
दोहरी एकीकरण की विधि ( double integration method ) का उपयोग किसी पॉइंट लोड ( point load ) के साथ लादे हुए बीम ( cantilever या simply supported beam ) के एक बिंदु पर ढलान ( slope और विक्षेपण ( deflection ) को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
इस विधि में हम डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण ( differential equation of flexure ) का उपयोग करते हैं और दो बार integration के द्वारा ढलान और विक्षेपण का पता लगाते हैं।
बेन्डिंग मोमेंट और डिफरेंशियल फ्लेक्सर समीकरण से हम जानते हैं कि –
M = EI \left ( \frac {d^2y}{dx^2} \right ) …….. (7)
समीकरण (7) का इंटिग्रेसन करने पर हम पाते हैं कि –
\int M = EI \left ( \frac {dy}{dx} \right ) + C_1 ………. (8)
या \quad \left ( \frac {dy}{dx} \right ) = \left ( \frac {1}{EI} \right ) \int M - C'_1 ……… (9)
- समीकरण (9) से बीम के किसी बिंदु पर का ढलान ज्ञात किया जा सकता है।
समीकरण (8) का पुनः इंटिग्रेसन करने पर हम पाते हैं कि –
\iint M = EI \ y + C_2
अतः \quad y = \left ( \frac {1}{EI} \right ) \iint M - C'_2 ………… (10)
- समीकरण (10) से बीम के किसी बिंदु पर का विक्षेपण ज्ञात किया जा सकता है।
समीकरण (9) और (10) में उपस्थित इंटिग्रेसन स्थिरांक ( C'_1 \ \text {और} \ C'_2 ) के मान को, बीम की आखिरी सिरों पर के दी हुई शर्तों के आधार पर ज्ञात किया जा सकता है।
निम्नलिखित संख्यात्मक समस्याओं का हल करके हम ढलान ( slope ) और विक्षेपण ( deflection ) को ज्ञात करने की दोहरी एकीकरण की विधि ( double integration method ) की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जान पाएंगे –