What is Shear Force & Bending Moment diagram?
अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख क्या होता है?
अपरूपण बल आरेख ( Shear force diagram ) और बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( bending moment diagram ) में, बीम के महत्वपूर्ण बिंदुओं की स्थिति को X अक्ष में और अपरूपण बल ( shear forces ) तथा बेन्डिंग मोमेंट ( bending moments ) से संबंधित मान को Y अक्ष में दर्शाया जाता है। इस तरह खींचे गए आरेख को अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( shear force and bending moment diagrams ) कहा जाता है।
क्षैतिज बीम के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर SF \ \text {और} \ BM के मान को प्लॉट किया जाता है और फिर रेखा खंडो के द्वारा इन बिंदुओं को जोड़कर आरेख प्राप्त किया जाता है। आरेख के चित्रण के लिए किसी निर्दिष्ट पैमाने ( scale ) की आवश्यकता नहीं होती है।
अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( Shear force and bending moment diagrams ) से सम्बंधित अगले लेख अर्थात बीम आरेख का आरेखण ( drawing of beam diagram ), में हमने कुछ विशेष प्रकार के बीम और उनकी लदाई के साथ उनके अपरूपण बल आरेख ( shear forces ) तथा बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( bending moments ) को खींचने के चरणों का विस्तृत वर्णन किया है।
Use of shear force and bending moment diagrams
अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख का उपयोग
अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख ( shear force and bending moment diagrams ) के विभिन्न उपयोग इस प्रकार हैं –
- SF \ \text {और} \ BM आरेख विश्लेषणात्मक उपकरण होते हैं। संरचनात्मक हिस्सों के डिजाइन के साथ-साथ गंभीर प्रतिबल ( severe stress ) वाले बिंदुओं की स्थितियों का पता लगाने के लिए संरचनात्मक विश्लेषण में इनका उपयोग किया जाता है।
- संरचनात्मक हिस्सों की डिजाइनिंग करते समय ये आरेख डिजाइनरों के लिए महत्वपूर्ण उपकरण का काम करते हैं। पुर्जो और हिस्सों की डिजाइन करते समय, पदार्थ ( material ) का चयन, उनका ज्यामितीय आकृति ( गोलाकार, आयताकार, त्रिकोणीय, खोखला आदि ) और क्रॉस सेक्शन का परिमाण ( size ) का निर्णय लेने में बहुत उपयोगी होते हैं जिससे, उपयोग के समय पुर्जे सुरक्षित परिस्थितियों में आवश्यक लोड और बलों का सामना कर सके।
- इन आरेखों का उपयोग अन्य उपयोगो में भी किया जाता है, जैसे moment area method या conjugate beam method में इन आरेखों का उपयोग कर आसानी से सदस्यों में संभावित deflection और slope को निर्धारित किया जाता है।
Guidelines to draw shear force and bending moment diagrams
अपरूपण बल और बेन्डिंग मोमेंट आरेख खींचने के निर्देश
SF \ \text {और} \ BM आरेखों को खींचते समय कुछ विशेष नियमों और चरणों का पालन करना अति-आवश्यक होता है। ये हैं –
- पहला चरण – सबसे पहले, लदे हुए बीम और लोडिंग पैटर्न, बीम के सपोर्ट, हिन्ज या फिक्स्चर आदि की पूरी विस्तार ( span ) दिखाते हुए एक space diagram खिंचा किया जाता है।
- दूसरा चरण – X अक्ष पर एक आधार रेखा ( base line ) खींची जाती है। इस रेखा पर बीम की पूरी लम्बाई में स्थित, महत्वपूर्ण बिंदुओं की स्थिति दिखाई जाती है। आरेख में, आधार रेखा की कुल लंबाई बीम की कुल लंबाई को दर्शाती है।
- तीसरा चरण – पहले और दूसरे चरण में खींचे गए स्पेस आरेख के नींचे दो और आधार रेखाएं खींची जाती हैं। एक अपरूपण बल ( SF ) आरेख के लिए और दूसरा बेन्डिंग मोमेंट ( BM ) आरेख के लिए।
- चौथा चरण – प्रथागत तरीके से घनात्मक अपरूपण बल ( SF ) और घनात्मक बेन्डिंग मोमेंट ( BM ) के मान को आधार रेखा के ऊपर और ऋणात्मक मान को आधार रेखा के नीचे प्लॉट करते हैं।
- पांचवा चरण – आधार रेखा के एक सिरे से शुरू करते हुए दूसरे सिरे तक, आधार रेखा के ऊपर और नीचे के सरे बिंदुओं को क्रमागत जोड़ा जाता है जिससे एक चिकना वक्र या आरेख प्राप्त होता है।
- एक cantilever के मुक्त सिरे पर point load के कारण, मुक्त सिरे पर bending moment का मान शून्य होता है। \left ( \because \text {दुरी} = 0 \right )
- एक Simply supported beam के दोनों सिरों पर समर्थन ( support ) के पास, बेन्डिंग मोमेंट का मान शून्य होता है। \left ( \because \text {दुरी} = 0 \right )
- बीम के किसी बिंदु पर यदि एक समर्थन है और साथ ही एक ऊर्ध्वाधर लोड ( vertical load ) लदा होता है तो इस बिंदु पर ( SF ) आरेख अचानक से बढ़ता या घटता है। यह, reaction of support और point load के परिणामी बल पर निर्भर करेगा।
Summary of guidelines
निर्देशों का सारांश
लोडिंग के प्रकार। | अपरूपण बल आरेख की विशेषता । | बेन्डिंग मोमेंट आरेख की विशेषता। |
मुक्त सिरे पर पॉइंट लोड के साथ कैंटिलीवर। | यह आयताकार होता है। | यह त्रिभुजाकार होता है। |
समान रूप से वितरित लोड के साथ कैंटीलीवर। | यह त्रिभुजाकार होता है। | यह पैराबोलिक वक्र होता है। |
समान रूप से बदलते लोड के साथ कैंटीलीवर। | यह पैराबोलिक वक्र होता है। | यह घन वक्र होता है। |
पॉइंट लोड के साथ सिम्पली सपोर्टेड बीम। | यह आयताकार होता है। | यह त्रिभुजाकार होता है। |
समान रूप से वितरित लोड के साथ सिम्पली सपोर्टेड बीम। | यह त्रिभुजाकार होता है। | यह पैराबोलिक वक्र होता है। |
समान रूप से बदलते लोड के साथ सिम्पली सपोर्टेड बीम। | यह पैराबोलिक वक्र होता है। | यह घन वक्र होता है। |
Point of Contraflexure
कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु
किसी ओवरहैंगिंग बीम ( overhanging beam ) का विश्लेषण दो प्रकार के बीमों के संयोजन के रूप में किया जा सकता है – (1) समर्थन ( support ) से बाद का हिस्सा एक सिम्पली सपोर्टेड बीम और (2) समर्थन से पहले का हिस्सा एक कैंटिलीवर।
एक ओवरहैंगिंग बीम के सिम्पली सपोर्टेड हिस्से में बेन्डिंग मोमेंट ( BM ) घनात्मक होता है जबकि कैंटिलीवर भाग में यह ऋणात्मक होता है। अतः यह स्पष्ट होता है कि, बीम पर एक ऐसा बिंदु होगा जहाँ ( BM ) अपना संकेत घनात्मक से ऋणात्मक या इसके विपरीत बदलता है।
इसलिए, ओवरहैंगिंग बीम में एक बिंदु ऐसा अवश्य होता है जहाँ पर बेन्डिंग मोमेंट ( BM ) का मान शून्य हो जाता है क्योंकि यह ( BM ) अपना संकेत घनात्मक से ऋणात्मक या इसके विपरीत बदलता है। इस बिंदु पर, ( BM ) का वक्र आधार रेखा के साथ प्रतिच्छेद करता है। इस बिंदु को कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु ( point of contraflexure ) कहा जाता है।
Importance of point of Contraflexure
कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु का महत्व
कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु पर, बेन्डिंग मोमेंट ( BM ) अपने संकेत को घनात्मक से ऋणात्मक या उसके विपरीत बदलता है। अतः इस बिंदु पर, बेन्डिंग मोमेंट का मान शून्य होता है।
इसलिए, घर की छतों, पुलों, प्रबलित कंक्रीट ( reinforced concrete ) और इस्पात की संरचनाओं आदि के डिजाइन के लिए कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु की स्थिति का पता लगाना बहुत उपयोगी होता है, ताकि कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु पर प्रबलित सामग्री के उपयोग को बचाया जा सके।
दिए गए चित्र (1) में पॉइंट लोडिंग वाले बीम और चित्र (2) में समान रूप से वितरित लोड वाले बीम के बेन्डिंग मोमेंट आरेख में, कॉन्ट्राफ्लेक्स्चर बिंदु को दिखाया गया है।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –