Centre of Gravity

What is called Centre of Gravity?

गुरुत्व केंद्र क्या होता है?

किसी वस्तु का गुरुत्व केंद्र  ( centre of gravity ) एक निश्चित बिंदु होता है जहां पर उस वस्तु का कुल भार को केंद्रित माना जाता है।

यह वह बिंदु है जिसके माध्यम से वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल कार्य करता है।

हम जानते हैं कि, सभी वस्तुएँ असंख्य सूक्ष्म कणों से मिलकर बनी होती हैं। हर सूक्ष्म कण का अपना द्रब्यमान होता है और इन सभी सूक्ष्म कणों के द्रब्यमान का योग ही उस वस्तु का कुल द्रब्यमान ( mass ) होता है। इन सभी कणों को उनके द्रब्यमान के अनुपात में पृथ्वी अपने गुरुत्व बल ( gravitational force ) से अपनी केंद्र की ओर आकर्षित करती है जिसे उस कण का भार ( weight ) कहते हैं।

वस्तु के इन सूक्ष्म भार कणों के तंत्र ( system ) को, समानांतर बलों ( parallel forces ) के तंत्र के समतुल्य समझा जा सकता है। इन सामानांतर बलों के केंद्र को वस्तु का गुरुत्व केंद्र ( centre of gravity ) माना जा सकता है।

सामानांतर बलों का केंद्र या वस्तु के भार कणों के तंत्र का केंद्र बिंदु को हम वेरिग्नन की प्रमेय ( Varignon’s theorem ) की मदद से ज्ञात कर सकते हैं।

अतः \quad \text {Weight} \ ( w ) \propto \text {Mass} \ ( m )

या, \quad ( w = mg ) यहाँ ( g ) को पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण ( acceleration due to gravity ) कहा जाता है।

इसलिए, ( w_1 = m_1 g ), \ ( w_2 = m_2 g ), \ ....... \ ( w_n = m_n g ) इत्यादि।

अर्थात, \quad W = \sum {w} = \sum {mg} = g \sum {m} = M g

Difference between COM and COG

द्रब्यमान केंद्र और गुरुत्व केंद्र में अंतर 

विचार करें कि कोई वस्तु ( n ) संख्या के सूक्ष्म कणों से मिलकर बना है और इन सूक्ष्म कणों के द्रब्यमान ( m_1 ), \ ( m_2 ), \ ....... ( m_n ) आदि हैं।

वस्तु का द्रब्यमान केंद्र ( Centre of mass ) वह बिंदु होता है जिसके चारों ओर सूक्ष्म द्रब्यमान कणों का वितरण सभी दिशाओं में एक समान होता है। यह पृथ्वी के गरुत्वीय त्वरण ( acceleration due to gravity ) ( g ) से प्रभावित नहीं होता है।

इन सूक्ष्म कणों का भार होगा –

( w_1 = m_1 g ), \ ( w_2 = m_2 g ), \ ....... \ ( w_n = m_n g ) इत्यादि।

ये सूक्ष्म भार, बल के समतुल्य होते हैं। इन बलों के केंद्र बिंदु को वस्तु का गुरुत्व केंद्र ( COG ) कहा जाता है।

अर्थात, पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण ( g ) ही वह कारण है जो किसी वस्तु के द्रब्यमान केंद्र ( COM ) और गुरुत्व केंद्र ( COG ) में फर्क उत्पन्न करता है।

द्रब्यमान केंद्र ( COM ) और गुरुत्व केंद्र ( COG ) के बीच निम्नलिखित मूल फर्क होते हैं –

मापदंडद्रब्यमान केंद्र ( COM ) गुरुत्व केंद्र ( COG )
बिंदु का स्थान।यह वह बिंदु है जिसपर वस्तु के पूरे द्रव्यमान ( mass ) को केंद्रित माना जाता है।यह वह बिंदु है जिस पर वस्तु के पूरे भार ( weight ) को केंद्रित माना जाता है।
द्रव्यमान का वितरण।यह वह बिंदु है जिसके चारों ओर सभी दिशाओं में सूक्ष्म द्रव्यमान कणों का वितरण समान होता है।यह वह बिंदु है जिसके चारों ओर सभी दिशाओं में सूक्ष्म भार कणों का वितरण समान होता है।
अंतर को प्रभावित करने वाला कारक।पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण ( g ) का द्रव्यमान केंद्र की स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण ( g ) का प्रभाव, गुरुत्व केंद्र की स्थिति पर पड़ता है।
बिंदु के स्थान का परिवर्तन।यह किसी वस्तु का एक निश्चित बिंदु है और अपरिवर्तनशील होता है। साधारणतः द्रब्यमान केंद्र और गुरुत्व केंद्र एक ही बिंदु पर स्थित होते हैं।यदि कोई वस्तु का आकर इतना विशाल है कि उसके अलग अलग हिस्से में गुरुत्वीय त्वरण का मान अलग अलग है तब उस वस्तु के द्रब्यमान केंद्र और गुरुत्व केंद्र अलग अलग होंगे।

गौर करें –

  1. गुरुत्व केंद्र और द्रव्यमान केंद्र दोनों शब्दों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है।
  2. पृथ्वी की सतह पर ( g ) का मान वस्तु के सभी सूक्ष्म द्रव्यमान कणों के लिए एक समान होता है।
  3. इसलिए, गुरुत्व केंद्र ठीक उसी बिंदु पर स्थित होता है जहाँ द्रव्यमान केंद्र स्थित होता है।
  4. लेकिन एक बहुत बड़े विशालकाय वस्तु के लिए, यदि ( g ) का मान, वस्तु के अलग-अलग हिस्से पर अलग-अलग है तो, गुरुत्व केंद्र और द्रव्यमान केंद्र एक ही बिंदु पर स्थित नहीं होंगे।

इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –


Steps to find Centre of Gravity

गुरुत्व केंद्र ज्ञात करने की विधि

गुरुत्व केंद्र ज्ञात करने की दो सरल विधियाँ हैं –

  1. सममिति के द्वारा गुरुत्व केंद्र का निर्धारण ( By symmetry )।
  2. एकीकरण के द्वारा गुरुत्व केंद्र का निर्धारण ( By integration )।

Centre of gravity by symmetry

सममिति के द्वारा गुरुत्व केंद्र का निर्धारण

सममिति के द्वारा द्रब्यमान केंद्र के निर्धारण ( centre of mass by symmetry ) कि विधि के बारे में हम चर्चा कर चुके हैं। सममिति के सिद्धांत ( principle of symmetry ) का ठीक उसी प्रकार से गुरुत्व केंद्र ( centre of gravity ) के निर्धारण के लिए प्रयोग किया जाता है।

यहाँ हम केवल एकीकरण ( integration ) के द्वारा गुरुत्व केंद्र के निर्धारण कि विधि पर विस्तारित चर्चा करेंगे।

Centre of gravity by integration

एकीकरण के द्वारा गुरुत्व केंद्र का निर्धारण

अनियमित आकार के ठोस वस्तु के गुरुत्व केंद्र के निर्धारण के लिए एकीकरण की विधि ( integration method ) उपयुक्त होती है। इसके निम्न चरण होते हैं –

STEP 1 – DRAW A SKETCH OF BODY WITHIN CO-ORDINATE AXES

निर्देशांक अक्षों के बीच वस्तु का चित्र बनाएं

चित्र में दिखाए गए एक अनियमित आकार वाले ठोस वस्तु पर विचार करें।

निर्देशांक अक्ष XX' और YY' के बीच, वस्तु का फ्री हैंड स्केच ( कच्चा चित्र ) बनाते हैं। इसके लिए किसी प्रक्षेपण ( projection ) या स्केल ( scale ) कि अवशयक्ता नहीं होती है। अब अक्षों कि स्थिति के सापेक्ष, वस्तु के गुरुत्व केंद्र कि दुरी को ज्ञात करते हैं।

STEP 2 – CUT ELEMENTARY STRIPS

सूक्ष्म पट्टी काटना

बहुत करीब के दो काटने वाले तल ( cutting planes ) की कल्पना करें जो YY' अक्ष के सामानांतर ( x ) और ( x + dx ) की दूरी से गुजरते हैं और वस्तु का एक सूक्ष्म पट्टी ABCD काटते हैं।

INTEGRATION METHOD TO FIND CENTRE OF GRAVITY
020901 INTEGRATION METHOD TO FIND CENTRE OF GRAVITY

इस सूक्ष्म पट्टी कि चौड़ाई ( dx ) होगी। माना कि इसकी लम्बाई ( L ) है। तब, सूक्ष्म पट्टी का क्षेत्रफल \quad ( da ) = ( L \times dx ) होगा।

चूँकि, चौड़ाई ( dx ) बहुत कम है, इसलिए छायांकित क्षेत्र ABCD को आयताकार क्षेत्र माना जा सकता है।

यहाँ, पट्टी की लम्बाई ( L ) एक परिवर्तनशील राशि ( variable quantity ) है जो काटने वाले तलों की दूरी पर निर्भर करती है।

अतः हम पट्टी की लम्बाई ( L ) को पट्टी की दूरी ( x ) के मान के रूप में दर्शा सकते हैं।

अब, ज्यामिति और त्रिकोणमिति के सिद्धांतों का उपयोग करके परिवर्तनशील राशि ( L ) को अन्य परिवर्तनशील राशि ( x ) के मान के रूप में दर्शाते हैं ताकि एकीकरण ( integration ) की विधि को आसानी से लागू किया जा सके।

STEP 3 – FIND CENTRE OF GRAVITY OF STRIP

पट्टी का गुरुत्व केंद्र ज्ञात करें 

चूँकि, पट्टी ABCD एक आयताकार क्षेत्र है इसलिए इसका गुरुत्व केंद्र YY' अक्ष से \left [ x + \left ( \frac {dx}{2} \right ) \right ] की दूरी पर स्थित होगा।

परन्तु ( dx ) काफी सूक्ष्म होने के कारण \left ( \frac {dx}{2} \right ) नगण्य है।

अतः \quad \left [ x + \left ( \frac {dx}{2} \right ) \right ] \cong x

अर्थात सूक्ष्म क्षेत्र ( da ) का गुरुत्व केंद्र YY' अक्ष से ( x ) इकाई की दूरी पर स्थित है।

YY' अक्ष पर इस सूक्ष्म क्षेत्र का आघूर्ण ( moment ) होगा –

dm = da \times x = x da

STEP 4 – DIVIDE WHOLE OBJECT IN NUMEROUS STRIPS

सम्पूर्ण वस्तु को असंख्य पट्टियों में बाँटना

इसी प्रकार काटने वाले अन्य सदृश तलों ( similar cutting planes ) की मदद से सम्पूर्ण वस्तु को असंख्य पट्टियों में बाँटा जा सकता है। इन पट्टियों की दूरी ( x ) का मान विभिन्न होगा जो वस्तु के अंतिम क्षोरों के आयाम ( dimension ) ( a ) और ( b ) के मध्य स्थित होगा।

अर्थात, एकीकरण की सीमाएं \left ( x = a \right ) से लेकर \left ( x = b \right ) तक होंगी।

STEP 5 – APPLY INTEGRATION METHOD

एकीकरण विधि का उपयोग 

गुरुत्व केंद्र की परिभाषा के अनुसार, YY' अक्ष से सम्पूर्ण वस्तु के गुरुत्व केंद्र ( COG ) की दूरी ( \bar {X} ) होगी –

\bar {X} = \left [ \frac {\left ( dm_1 x_1 \right ) + \left ( dm_2 x_2 \right ) +  ....... + \left ( dm_n x_n \right )}{\left ( dm_1 + dm_2 + ..... + dm_n \right )} \right ]

यहाँ \left ( dm_1 x_1 \right ), \ \left ( dm_2 x_2 \right ), \ .......  \left ( dm_n x_n \right ) इत्यादि, YY' अक्ष पर विभिन्न सूक्ष्म द्रब्यमान कणों के आघूर्ण हैं।

माना कि वस्तु के पदार्थ के इकाई क्षेत्र का द्रब्यमान ( mass per unit area ) ( \sigma ) है।

अतः \quad dm = \sigma da

इसलिए ( dm_1 = \sigma da_1 ), \ ( dm_2 = \sigma da_2 ), ............ \ ( dm_n = \sigma da_n ) आदि।

अतः \quad \bar {X} = \left [ \frac {\sigma \left ( da_1 x_1 + da_2 x_2 + ....... + da_n x_n \right )}{\sigma \left (da_1 + da_2 + ..... + da_n \right )} \right ]

= \left [ \frac { \left ( da_1 x_1 + da_2 x_2 +  ....... + da_n x_n \right )}{ \left (da_1 + da_2 + ..... + da_n \right )} \right ]

= \sum_{x=b}^{x=a} x da = \sum_{x=b}^{x=a} x Ldx

यहाँ, ( L ) को ( x ) के रूप में दर्शाया जाना अनिवार्य होता है। ऐसा करने पर, माना की \quad L = p \ x^{q}  है। जहाँ ( p \ \text {और} \ q ) स्थिरांक होते हैं।

अतः \quad \bar {X} = \int\limits_{b}^{a} x L dx

= \int\limits_{b}^{a} ( x ) \ ( p \ x^{q} ) dx

= p \int\limits_{b}^{a} x^{( q+1 )}  dx

इस समीकरण को एकीकरण के द्वारा हल करके YY' अक्ष से वस्तु के गुरुत्व केंद्र ( COG ) की दूरी को ज्ञात कर सकते हैं।

इसी प्रकार से, चरण 1 से 5 तक की विधि को दुहराकर, XX' अक्ष से वस्तु के गुरुत्व केंद्र ( COG ) की दूरी को भी ज्ञात कर सकते हैं।

अतः \quad \bar {Y} = \int\limits_{c}^{d} y L dy

यहाँ ( c ) और ( d )  वस्तु के नींचे और ऊपर के अंतिम क्षोर के आयाम ( dimension ) हैं।

अर्थात, एकीकरण की सीमाएं \left ( y = c \right ) से लेकर \left ( y = d \right ) तक होंगी।

इस प्रकार से एकीकरण की विधि द्वारा वस्तु के गुरुत्व केंद्र को ज्ञात कर सकते हैं।

Centre of gravity of solids

ठोस वस्तुओं का गुरुत्व केंद्र

एकीकरण की विधि द्वारा प्राप्त, कुछ ठोस वस्तुओं के गुरुत्व केंद्र निम्न प्रकार से हैं –

क्रमांकठोस वस्तु की आकृतिआधार रेखा या तल ( datum line or plane )गुरुत्व केंद्र की दूरी
1अर्ध गोलाकार चाप

( semi circular arc )

व्यास रेखा

( diameter )

\left ( \frac {2r}{\pi} \right )
2गोलाकार ठोस शंकु

( circular solid cone )

आधार तल

( base plane )

\left ( \frac {h}{4} \right )
3गोलाकार खोखला शंकु

( circular hollow cone )

आधार तल

( base plane )

\left ( \frac {h}{3} \right )
4ठोस गोलार्द्ध

( solid hemisphere )

आधार तल

( base plane )

\left ( \frac {3r}{8} \right )
5खोखला गोलार्ध

( hollow hemisphere )

आधार तल

( base plane )

\left ( \frac {r}{2} \right )

यहाँ ( h ) ऊंचाई ( height ) और ( r ) त्रिज्या ( radius ) है।


इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –