What is equilibrium of a body?
वस्तु का संतुलन किसे कहते हैं?
यदि किसी कठोर वस्तु के कणों का रैखिक संवेग ( linear momentum ) और कोणीय संवेग ( angular momentum ) दोनों ही समय के साथ स्थिर होते हैं तो वस्तु को स्थिर संतुलन ( Stable equilibrium )में कहा जाता है।
एक बाह्य बल के प्रभाव में एक solid वस्तु दो प्रकार की गति कर सकता है –
- स्थानांतरण गति ( Translation motion ) – इस गति में वस्तु के सभी कण एक समान रेखीय वेग ( linear velocity ) से गति करते हैं।
- घूर्णी गति ( Rotational motion ) – इस गति में वस्तु के सभी कण एक निश्चित बिंदु एक सामान कोणीय वेग ( angular velocity ) से घूर्णन करते हैं। इस बिंदु को घूर्णन केंद्र कहा जाता है।
अतः यदि कोई कठोर वस्तु संतुलन में है तो इसमें निम्नलिखित संतुलन की स्थितियाँ पूरी होनी चाहिए –
- स्थानांतरण संतुलन ( Translation equilibrium )।
- घूर्णी संतुलन ( Rotational equilibrium )।
Translation stable equilibrium
स्थानांतरण संतुलन
हम जानते हैं कि किसी solid पर कार्य करने वाला बल रैखिक त्वरण उत्पन्न कर सकता है जिससे स्थानांतरण गति हो सकती है। इसलिए, स्थानांतरण संतुलन की स्थिति बताती है कि –
जब कोई वस्तु स्थानांतरण संतुलन में होता है तो उस पर कार्य करने वाले सभी बाह्य बलों ( external forces ) का परिणामी बल ( resultant force ) शून्य होना चाहिए, अन्यथा परिणामी बल एक रैखिक त्वरण ( linear acceleration ) उत्पन्न करेगा।
अतः \quad \sum \left ( \vec F_{ext} \right ) = 0
मान लें कि, एक वस्तु का द्रब्यमान ( M ) है जिसके centre of mass का त्वरण ( \vec {a_{cm}} ) है ।
न्यूटन के गति के नियम ( Newton’s second law of motion ) के उपयोग से हम पाते है कि –
\sum \left ( \vec F_{ext} \right ) = M \ \vec {a_{cm}}
अतः \quad M \ \vec {a_{cm}} = M \left [ \left ( \frac {d}{dt} \right ) \ \vec {v_{cm}} \right ] = 0
इसका तात्पर्य यह है कि, \quad M = 0 \quad या \quad \left [ \left ( \frac {d}{dt} \right ) \vec {v_{cm}} \right ] = 0
परन्तु, किसी वस्तु का द्रब्यमान ( mass ) ( M ) कभी शुन्य नहीं हो सकता।
अतः \quad \left [ \left ( \frac {d}{dt} \right ) \vec {v_{cm}} \right ] = 0
या, \quad ( \vec {v_{cm}} ) एक नियतांक है।
इसलिए, कोई वस्तु यदि स्थानांतरण संतुलन में है, तो वह स्थिरावस्था में होगा या गति में है, तो स्थिर वेग ( uniform velocity ) से गतिमान होगा।
इसलिए, स्थानांतरण संतुलन के लिए दो अलग-अलग स्थितियां संभव हैं –
- यदि वस्तु स्थिरावस्था में है, तो वह स्थानांतरण संतुलन में होगा। इसे स्थिर संतुलन ( static equilibrium ) में कहा जाता है।
- यदि वस्तु स्थिर गति से सीधे पथ पर गतिमान है तो यह स्थानांतरण संतुलन में होगा। इसे गतिशील संतुलन ( dynamic equilibrium ) में कहा जाता है।
Rotational stable equilibrium
घूर्णी संतुलन
हम जानते हैं कि, किसी वस्तु पर कार्य करने वाला एक बल आघूर्ण कोणीय त्वरण उत्पन्न कर सकता है जिसके परिणाम स्वरूप घूर्णी गति होती है। इसलिए, घूर्णी संतुलन की स्थिति बताती है कि –
जब कोई वस्तु घूर्णी संतुलन में है तो वस्तु पर कार्य करने वाले सभी बाह्य बलों का किसी एक बिंदु पर टॉर्क ( torque ) का परिणाम शून्य होना चाहिए अन्यथा टॉर्क एक कोणीय त्वरण ( angular acceleration ) उत्पन्न करेगा।
अतः \quad \sum \left ( \vec {\tau_{ext}} \right ) = 0
गौर करें –
घूर्णी संतुलन ( rotational equilibrium ) के लिए, घूर्णन बिंदु ( point of rotation ) का चुनाव इतना महत्वपूर्ण नहीं होता है, क्योंकि यदि वस्तु संतुलन में है और किसी एक बिंदु पर कुल टॉर्क शून्य है, तो यह आवश्यक हो जाता है कि किसी अन्य बिंदु पर भी टॉर्क शून्य ही होगा।
Conditions for static equilibrium
स्थैतिक संतुलन की शर्तें
इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक गणना स्थिर संतुलन की स्थिति पर आधारित हैं। इस प्रकार, स्थिर संतुलन की स्थिति का विस्तृत अध्ययन आवश्यक है।
स्थैतिक संतुलन यह व्यक्त करता है कि –
यदि सह-तलीय बलों ( co-planar forces ) की एक प्रणाली स्थिर संतुलन में है, तो किन्हीं दो लंबवत दिशाओं में वियोजित किये गए घटकों ( resolved components ) का योग शून्य होगा और साथ ही किसी भी बिंदु पर उनके आघुर्णों ( moments ) का बीजगणितीय योग भी शून्य होगा।
सह-तलीय बलों की प्रणाली का अंत परिणाम निम्न हो सकता है –
- सभी बल मिलकर एक परिणामी बल ( R ) उत्पन्न कर सकते हैं।
- सभी बल मिलकर एक बल युग्म ( couples ) या बल आघूर्ण ( moment ) ( M ) उत्पन्न कर सकते हैं।
इसलिए, सह-तलीय बलों की एक प्रणाली को संतुलन में होने की सामान्य शर्तें होती हैं –
- ( R = 0 ) अर्थात, सभी बलों का ज्यामितिक योग शुन्य होगा।
- ( M = 0 ) अर्थात, सभी बल युग्म ( couples ) या बल आघूर्ण ( moment ) का ज्यामितिक योग शुन्य होगा।
किसी बल को दो परस्पर लंबवत दिशाओं में घटक बलों में दर्शाया जा सकता है। इसे आयताकार घटकों ( rectangular components ) में वियोजित बल ( resolved forces ) कहते हैं।
मान लें – सभी बलों को दो परस्पर लंबवत दिशाओं, जैसे XX और YY अक्षों में घटक बलों में वियोजित ( resolved ) किया जाता है।
तब, स्थैतिक संतुलन के लिए निम्न शर्तों को संतुस्ट होने आवश्यक होता है –
- \sum ( {F_x} ) = 0 \quad जहाँ \sum ( {F_x} ) = XX दिशा में सभी घटक बलों का योग है।
- \sum ( {F_y} ) = 0 \quad जहाँ \sum ( {F_y} ) = YY दिशा में सभी घटक बलों का योग है।
- \sum ( {M_A} ) = 0 \quad जहाँ \sum ( {M_A} ) = किसी बिंदु A पर सभी बल आघूर्ण ( moments ) का योग है।
गौर करें –
कई बलों की प्रणाली के संतुलन कि स्थिति की जांच के लिए, मनमाना बिंदु A ( जिस बिंदु पर आघूर्ण लिए जाते हैं ) की स्थिति को इस प्रकार से चुना जाता है, कि अधिकांश बल ( ज्ञात या अज्ञात बल ) बिंदु A से गुजरते हैं। इस तरह अधिकांश बलों का आघूर्ण शून्य हो जाता है और गणना आसान हो जाती है।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –
Stability of equilibrium
संतुलन की स्थिरता
स्थिरता के अनुसार किसी वस्तु का संतुलन तीन प्रकार का होता है –
- स्थिर संतुलन ( Stable equilibrium )।
- अस्थिर संतुलन ( Unstable equilibrium )।
- तटस्थ संतुलन ( Neutral equilibrium )।
इनका विवरण इस प्रकार से है –
Stable equilibrium
स्थायी संतुलन
यदि किसी संतुलित वस्तु को थोड़ा सा विस्थापित कर छोड़ दिया जाये और वस्तु संतुलन की स्थिति को पुनः प्राप्त करने की प्रवृत्ति रखता है तो ऐसे वस्तु को स्थायी संतुलन ( stable equilibrium ) में कहा जाता है।
स्थायी संतुलन में निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं –
- वस्तु में स्थितिज ऊर्जा ( potential energy ) न्यूनतम होती है।
- वस्तु का द्रव्यमान केंद्र ( centre of mass ), निलंबन या सहारा बिंदु ( point of suspension or support ) के नींचे होता है।
- संतुलन से विस्थापित होने पर वस्तु का द्रव्यमान केंद्र, सहारा बिंदु से ऊपर हो जाता है।
- संतुलन की स्थिति से विस्थापित होने पर स्थितिज ऊर्जा बढ़ जाती है।
उदहारण –
- एक क्षैतिज सतह पर रखी हुई एक किताब।
- फर्श पर पड़ी हुई वस्तुएं जैसे मेज, कुर्सी आदि।
Unstable equilibrium
अस्थायी संतुलन
यदि किसी संतुलित वस्तु को थोड़ा सा विस्थापित कर छोड़ दिया जाये और वस्तु अपनी संतुलन स्थिति से और अधिक विस्थापित होने की प्रवृत्ति रखता है तो ऐसे वस्तु को अस्थायी संतुलन ( unstable equilibrium ) में कहा जाता है।
अस्थाई संतुलन में निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं –
- वस्तु में स्थितिज ऊर्जा ( potential energy ) अधिकतम मात्रा में होती है।
- वस्तु का द्रव्यमान केंद्र, निलंबन या सहारा बिंदु से ऊपर होता है।
- संतुलन की स्थिति से विस्थापित होने पर इसका द्रव्यमान केंद्र, सहारा बिंदु से नींचे चला जाता है।
- संतुलन स्थिति से विस्थापित होने पर स्थितिज ऊर्जा कम हो जाती है।
उदाहरण –
- अपनी नोक पर लंबवत खड़ी एक पेंसिल।
- एक क्षैतिज सतह पर लंबवत खड़ी एक पतली छड़।
Neutral equilibrium
उदासीन संतुलन
यदि किसी वास्तु को संतुलन से थोड़ा सा विस्थापित कर छोड़ दिए जाने के बाद भी उसी स्थिति में संतुलन में बानी तहति है तो ऐसे वास्तु को उदासीन संतुलन ( neutral equilibrium ) में कहा जाता है।
उदासीन संतुलन में निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं –
- संतुलन से विस्थापित होने पर वास्तु के द्रव्यमान केंद्र की ऊंचाई में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
- वास्तु का द्रव्यमान केंद्र, ठीक निलंबन या सहारा बिंदु पर स्थित होता है।
- संतुलन से विस्थापित होने पर भी स्थितिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
उदाहरण –
- क्षैतिज सतह पर रखा हुआ एक गोला ( sphere )।
- एक सपाट सतह पर रखी हुई बच्चों के खेलने वाली गोली ( marble )।
इस विषय पर आधारित संख्यात्मक प्रश्न देखें –